بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
49225521فبأي آلاء ربكما تكذبان
तो (ऐ जिन व इन्स) तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत को झुठलाओगे
49235522يخرج منهما اللؤلؤ والمرجان
इन दोनों दरियाओं से मोती और मूँगे निकलते हैं
49245523فبأي آلاء ربكما تكذبان
(तो जिन व इन्स) तुम दोनों अपने परवरदिगार की कौन कौन सी नेअमत को न मानोगे
49255524وله الجوار المنشآت في البحر كالأعلام
और जहाज़ जो दरिया में पहाड़ों की तरह ऊँचे खड़े रहते हैं उसी के हैं
49265525فبأي آلاء ربكما تكذبان
तो (ऐ जिन व इन्स) तुम अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत को झुठलाओगे
49275526كل من عليها فان
जो (मख़लूक) ज़मीन पर है सब फ़ना होने वाली है
49285527ويبقى وجه ربك ذو الجلال والإكرام
और सिर्फ तुम्हारे परवरदिगार की ज़ात जो अज़मत और करामत वाली है बाक़ी रहेगी
49295528فبأي آلاء ربكما تكذبان
तो तुम दोनों अपने मालिक की किस किस नेअमत से इन्कार करोगे
49305529يسأله من في السماوات والأرض كل يوم هو في شأن
और जितने लोग सारे आसमान व ज़मीन में हैं (सब) उसी से माँगते हैं वह हर रोज़ (हर वक्त) मख़लूक के एक न एक काम में है
49315530فبأي آلاء ربكما تكذبان
तो तुम दोनों अपने सरपरस्त की कौन कौन सी नेअमत से मुकरोगे


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