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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4909 | 55 | 8 | ألا تطغوا في الميزان |
| | | कि तुम भी तुला में सीमा का उल्लंघन न करो |
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4910 | 55 | 9 | وأقيموا الوزن بالقسط ولا تخسروا الميزان |
| | | न्याय के साथ ठीक-ठीक तौलो और तौल में कमी न करो। - |
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4911 | 55 | 10 | والأرض وضعها للأنام |
| | | और धरती को उसने सृष्टल प्राणियों के लिए बनाया; |
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4912 | 55 | 11 | فيها فاكهة والنخل ذات الأكمام |
| | | उसमें स्वादिष्ट फल है और खजूर के वृक्ष है, जिनके फल आवरणों में लिपटे हुए है, |
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4913 | 55 | 12 | والحب ذو العصف والريحان |
| | | और भुसवाले अनाज भी और सुगंधित बेल-बूटा भी |
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4914 | 55 | 13 | فبأي آلاء ربكما تكذبان |
| | | तो तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे? |
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4915 | 55 | 14 | خلق الإنسان من صلصال كالفخار |
| | | उसने मनुष्य को ठीकरी जैसी खनखनाती हुए मिट्टी से पैदा किया; |
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4916 | 55 | 15 | وخلق الجان من مارج من نار |
| | | और जिन्न को उसने आग की लपट से पैदा किया |
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4917 | 55 | 16 | فبأي آلاء ربكما تكذبان |
| | | फिर तुम दोनों अपने रब की सामर्थ्यों में से किस-किस को झुठलाओगे? |
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4918 | 55 | 17 | رب المشرقين ورب المغربين |
| | | वह दो पूर्व का रब है और दो पश्चिम का रब भी। |
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