نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4896 | 54 | 50 | وما أمرنا إلا واحدة كلمح بالبصر |
| | | और हमारा हुक्म तो बस ऑंख के झपकने की तरह एक बात होती है |
|
4897 | 54 | 51 | ولقد أهلكنا أشياعكم فهل من مدكر |
| | | और हम तुम्हारे हम मशरबो को हलाक कर चुके हैं तो कोई है जो नसीहत हासिल करे |
|
4898 | 54 | 52 | وكل شيء فعلوه في الزبر |
| | | और अगर चे ये लोग जो कुछ कर चुके हैं (इनके) आमाल नामों में (दर्ज) है |
|
4899 | 54 | 53 | وكل صغير وكبير مستطر |
| | | (यानि) हर छोटा और बड़ा काम लिख दिया गया है |
|
4900 | 54 | 54 | إن المتقين في جنات ونهر |
| | | बेशक परहेज़गार लोग (बेहिश्त के) बाग़ों और नहरों में |
|
4901 | 54 | 55 | في مقعد صدق عند مليك مقتدر |
| | | (यानि) पसन्दीदा मक़ाम में हर तरह की कुदरत रखने वाले बादशाह की बारगाह में (मुक़र्रिब) होंगे |
|
4902 | 55 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم الرحمن |
| | | बड़ा मेहरबान (ख़ुदा) |
|
4903 | 55 | 2 | علم القرآن |
| | | उसी ने क़ुरान की तालीम फरमाई |
|
4904 | 55 | 3 | خلق الإنسان |
| | | उसी ने इन्सान को पैदा किया |
|
4905 | 55 | 4 | علمه البيان |
| | | उसी ने उनको (अपना मतलब) बयान करना सिखाया |
|