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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4883 | 54 | 37 | ولقد راودوه عن ضيفه فطمسنا أعينهم فذوقوا عذابي ونذر |
| | | और उनसे उनके मेहमान (फ़रिश्ते) के बारे में नाजायज़ मतलब की ख्वाहिश की तो हमने उनकी ऑंखें अन्धी कर दीं तो मेरे अज़ाब और डराने का मज़ा चखो |
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4884 | 54 | 38 | ولقد صبحهم بكرة عذاب مستقر |
| | | और सुबह सवेरे ही उन पर अज़ाब आ गया जो किसी तरह टल ही नहीं सकता था |
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4885 | 54 | 39 | فذوقوا عذابي ونذر |
| | | तो मेरे अज़ाब और डराने के (पड़े) मज़े चखो |
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4886 | 54 | 40 | ولقد يسرنا القرآن للذكر فهل من مدكر |
| | | और हमने तो क़ुरान को नसीहत हासिल करने के वास्ते आसान कर दिया तो कोई है जो नसीहत हासिल करे |
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4887 | 54 | 41 | ولقد جاء آل فرعون النذر |
| | | और फिरऔन के पास भी डराने वाले (पैग़म्बर) आए |
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4888 | 54 | 42 | كذبوا بآياتنا كلها فأخذناهم أخذ عزيز مقتدر |
| | | तो उन लोगों ने हमारी कुल निशानियों को झुठलाया तो हमने उनको इस तरह सख्त पकड़ा जिस तरह एक ज़बरदस्त साहिबे क़ुदरत पकड़ा करता है |
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4889 | 54 | 43 | أكفاركم خير من أولئكم أم لكم براءة في الزبر |
| | | (ऐ अहले मक्का) क्या उन लोगों से भी तुम्हारे कुफ्फार बढ़ कर हैं या तुम्हारे वास्ते (पहली) किताबों में माफी (लिखी हुई) है |
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4890 | 54 | 44 | أم يقولون نحن جميع منتصر |
| | | क्या ये लोग कहते हैं कि हम बहुत क़वी जमाअत हैं |
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4891 | 54 | 45 | سيهزم الجمع ويولون الدبر |
| | | अनक़रीब ही ये जमाअत शिकस्त खाएगी और ये लोग पीठ फेर कर भाग जाएँगे |
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4892 | 54 | 46 | بل الساعة موعدهم والساعة أدهى وأمر |
| | | बात ये है कि इनके वायदे का वक्त क़यामत है और क़यामत बड़ी सख्त और बड़ी तल्ख़ (चीज़) है |
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