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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4881 | 54 | 35 | نعمة من عندنا كذلك نجزي من شكر |
| | | हमने अपनी विशेष अनुकम्पा से प्रातःकाल उन्हें बचा लिया। हम इसी तरह उस व्यक्ति को बदला देते है जो कृतज्ञता दिखाए |
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4882 | 54 | 36 | ولقد أنذرهم بطشتنا فتماروا بالنذر |
| | | उसने जो उन्हें हमारी पकड़ से सावधान कर दिया था। किन्तु वे चेतावनियों के विषय में संदेह करते रहे |
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4883 | 54 | 37 | ولقد راودوه عن ضيفه فطمسنا أعينهم فذوقوا عذابي ونذر |
| | | उन्होंने उसे फुसलाकर उसके पास से उसके अतिथियों को बलाना चाहा। अन्ततः हमने उसकी आँखें मेट दीं, "लो, अब चखो मज़ा मेरी यातना और चेतावनियों का!" |
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4884 | 54 | 38 | ولقد صبحهم بكرة عذاب مستقر |
| | | सुबह सवेरे ही एक अटल यातना उनपर आ पहुँची, |
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4885 | 54 | 39 | فذوقوا عذابي ونذر |
| | | "लो, अब चखो मज़ा मेरी यातना और चेतावनियों का!" |
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4886 | 54 | 40 | ولقد يسرنا القرآن للذكر فهل من مدكر |
| | | और हमने क़ुरआन को नसीहत के लिए अनुकूल और सहज बना दिया है। फिर क्या है कोई नसीहत हासिल करनेवाला? |
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4887 | 54 | 41 | ولقد جاء آل فرعون النذر |
| | | और फ़िरऔनियों के पास चेतावनियाँ आई; |
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4888 | 54 | 42 | كذبوا بآياتنا كلها فأخذناهم أخذ عزيز مقتدر |
| | | उन्होंने हमारी सारी निशानियों को झुठला दिया। अन्ततः हमने उन्हें पकड़ लिया, जिस प्रकार एक ज़बरदस्त प्रभुत्वशाली पकड़ता है |
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4889 | 54 | 43 | أكفاركم خير من أولئكم أم لكم براءة في الزبر |
| | | क्या तुम्हारे काफ़िर कुछ उन लोगो से अच्छे है या किताबों में तुम्हारे लिए कोई छुटकारा लिखा हुआ है? |
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4890 | 54 | 44 | أم يقولون نحن جميع منتصر |
| | | या वे कहते है, "और हम मुक़ाबले की शक्ति रखनेवाले एक जत्था है?" |
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