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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4843 | 53 | 59 | أفمن هذا الحديث تعجبون |
| | | तो क्या तुम लोग इस बात से ताज्जुब करते हो और हँसते हो |
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4844 | 53 | 60 | وتضحكون ولا تبكون |
| | | और रोते नहीं हो |
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4845 | 53 | 61 | وأنتم سامدون |
| | | और तुम इस क़दर ग़ाफ़िल हो तो ख़ुदा के आगे सजदे किया करो |
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4846 | 53 | 62 | فاسجدوا لله واعبدوا |
| | | और (उसी की) इबादत किया करो (62) सजदा |
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4847 | 54 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم اقتربت الساعة وانشق القمر |
| | | क़यामत क़रीब आ गयी और चाँद दो टुकड़े हो गया |
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4848 | 54 | 2 | وإن يروا آية يعرضوا ويقولوا سحر مستمر |
| | | और अगर ये कुफ्फ़ार कोई मौजिज़ा देखते हैं, तो मुँह फेर लेते हैं, और कहते हैं कि ये तो बड़ा ज़बरदस्त जादू है |
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4849 | 54 | 3 | وكذبوا واتبعوا أهواءهم وكل أمر مستقر |
| | | और उन लोगों ने झुठलाया और अपनी नफ़सियानी ख्वाहिशों की पैरवी की, और हर काम का वक्त मुक़र्रर है |
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4850 | 54 | 4 | ولقد جاءهم من الأنباء ما فيه مزدجر |
| | | और उनके पास तो वह हालात पहुँच चुके हैं जिनमें काफी तम्बीह थीं |
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4851 | 54 | 5 | حكمة بالغة فما تغن النذر |
| | | और इन्तेहा दर्जे की दानाई मगर (उनको तो) डराना कुछ फ़ायदा नहीं देता |
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4852 | 54 | 6 | فتول عنهم يوم يدع الداع إلى شيء نكر |
| | | तो (ऐ रसूल) तुम भी उनसे किनाराकश रहो, जिस दिन एक बुलाने वाला (इसराफ़ील) एक अजनबी और नागवार चीज़ की तरफ़ बुलाएगा |
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