نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4839 | 53 | 55 | فبأي آلاء ربك تتمارى |
| | | फिर तू अपने रब के चमत्कारों में से किस-किस के विषय में संदेह करेगा? |
|
4840 | 53 | 56 | هذا نذير من النذر الأولى |
| | | यह पहले के सावधान-कर्ताओं के सदृश एक सावधान करनेवाला है |
|
4841 | 53 | 57 | أزفت الآزفة |
| | | निकट आनेवाली (क़ियामत की घड़ी) निकट आ गई |
|
4842 | 53 | 58 | ليس لها من دون الله كاشفة |
| | | अल्लाह के सिवा कोई नहीं जो उसे प्रकट कर दे |
|
4843 | 53 | 59 | أفمن هذا الحديث تعجبون |
| | | अब क्या तुम इस वाणी पर आश्चर्य करते हो; |
|
4844 | 53 | 60 | وتضحكون ولا تبكون |
| | | और हँसते हो और रोते नहीं? |
|
4845 | 53 | 61 | وأنتم سامدون |
| | | जबकि तुम घमंडी और ग़ाफिल हो |
|
4846 | 53 | 62 | فاسجدوا لله واعبدوا |
| | | अतः अल्लाह को सजदा करो और बन्दगी करो |
|
4847 | 54 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم اقتربت الساعة وانشق القمر |
| | | वह घड़ी निकट और लगी और चाँद फट गया; |
|
4848 | 54 | 2 | وإن يروا آية يعرضوا ويقولوا سحر مستمر |
| | | किन्तु हाल यह है कि यदि वे कोई निशानी देख भी लें तो टाल जाएँगे और कहेंगे, "यह तो जादू है, पहले से चला आ रहा है!" |
|