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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4808 | 53 | 24 | أم للإنسان ما تمنى |
| | | (क्या उनकी देवियाँ उन्हें लाभ पहुँचा सकती है) या मनुष्य वह कुछ पा लेगा, जिसकी वह कामना करता है? |
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4809 | 53 | 25 | فلله الآخرة والأولى |
| | | आख़िरत और दुनिया का मालिक तो अल्लाह ही है |
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4810 | 53 | 26 | وكم من ملك في السماوات لا تغني شفاعتهم شيئا إلا من بعد أن يأذن الله لمن يشاء ويرضى |
| | | आकाशों में कितने ही फ़रिश्ते है, उनकी सिफ़ारिश कुछ काम नहीं आएगी; यदि काम आ सकती है तो इसके पश्चात ही कि अल्लाह अनुमति दे, जिसे चाहे और पसन्द करे। |
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4811 | 53 | 27 | إن الذين لا يؤمنون بالآخرة ليسمون الملائكة تسمية الأنثى |
| | | जो लोग आख़िरत को नहीं मानते, वे फ़रिश्तों के देवियों के नाम से अभिहित करते है, |
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4812 | 53 | 28 | وما لهم به من علم إن يتبعون إلا الظن وإن الظن لا يغني من الحق شيئا |
| | | हालाँकि इस विषय में उन्हें कोई ज्ञान नहीं। वे केवल अटकल के पीछे चलते है, हालाँकि सत्य से जो लाभ पहुँचता है वह अटकल से कदापि नहीं पहुँच सकता। |
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4813 | 53 | 29 | فأعرض عن من تولى عن ذكرنا ولم يرد إلا الحياة الدنيا |
| | | अतः तुम उसको ध्यान में न लाओ जो हमारे ज़िक्र से मुँह मोड़ता है और सांसारिक जीवन के सिवा उसने कुछ नहीं चाहा |
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4814 | 53 | 30 | ذلك مبلغهم من العلم إن ربك هو أعلم بمن ضل عن سبيله وهو أعلم بمن اهتدى |
| | | ऐसे लोगों के ज्ञान की पहुँच बस यहीं तक है। निश्चय ही तुम्हारा रब ही उसे भली-भाँति जानता है जो उसके मार्ग से भटक गया और वही उसे भी भली-भाँति जानता है जिसने सीधा मार्ग अपनाया |
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4815 | 53 | 31 | ولله ما في السماوات وما في الأرض ليجزي الذين أساءوا بما عملوا ويجزي الذين أحسنوا بالحسنى |
| | | अल्लाह ही का है जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है, ताकि जिन लोगों ने बुराई की वह उन्हें उनके किए का बदला दे। और जिन लोगों ने भलाई की उन्हें अच्छा बदला दे; |
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4816 | 53 | 32 | الذين يجتنبون كبائر الإثم والفواحش إلا اللمم إن ربك واسع المغفرة هو أعلم بكم إذ أنشأكم من الأرض وإذ أنتم أجنة في بطون أمهاتكم فلا تزكوا أنفسكم هو أعلم بمن اتقى |
| | | वे लोग जो बड़े गुनाहों और अश्लील कर्मों से बचते है, यह और बात है कि संयोगबश कोई छोटी बुराई उनसे हो जाए। निश्चय ही तुम्हारा रब क्षमाशीलता मे बड़ा व्यापक है। वह तुम्हें उस समय से भली-भाँति जानता है, जबकि उसने तुम्हें धरती से पैदा किया और जबकि तुम अपनी माँओ के पेटों में भ्रुण अवस्था में थे। अतः अपने मन की पवित्रता और निखार का दावा न करो। वह उस व्यक्ति को भली-भाँति जानता है, जिसने डर रखा |
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4817 | 53 | 33 | أفرأيت الذي تولى |
| | | क्या तुमने उस व्यक्ति को देखा जिसने मुँह फेरा, |
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