بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
48055321ألكم الذكر وله الأنثى
क्या तुम्हारे तो बेटे हैं और उसके लिए बेटियाँ
48065322تلك إذا قسمة ضيزى
ये तो बहुत बेइन्साफ़ी की तक़सीम है
48075323إن هي إلا أسماء سميتموها أنتم وآباؤكم ما أنزل الله بها من سلطان إن يتبعون إلا الظن وما تهوى الأنفس ولقد جاءهم من ربهم الهدى
ये तो बस सिर्फ नाम ही नाम है जो तुमने और तुम्हारे बाप दादाओं ने गढ़ लिए हैं, ख़ुदा ने तो इसकी कोई सनद नाज़िल नहीं की ये लोग तो बस अटकल और अपनी नफ़सानी ख्वाहिश के पीछे चल रहे हैं हालॉकि उनके पास उनके परवरदिगार की तरफ से हिदायत भी आ चुकी है
48085324أم للإنسان ما تمنى
क्या जिस चीज़ की इन्सान तमन्ना करे वह उसे ज़रूर मिलती है
48095325فلله الآخرة والأولى
आख़ेरत और दुनिया तो ख़ास ख़ुदा ही के एख्तेयार में हैं
48105326وكم من ملك في السماوات لا تغني شفاعتهم شيئا إلا من بعد أن يأذن الله لمن يشاء ويرضى
और आसमानों में बहुत से फरिश्ते हैं जिनकी सिफ़ारिश कुछ भी काम न आती, मगर ख़ुदा जिसके लिए चाहे इजाज़त दे दे और पसन्द करे उसके बाद (सिफ़ारिश कर सकते हैं)
48115327إن الذين لا يؤمنون بالآخرة ليسمون الملائكة تسمية الأنثى
जो लोग आख़ेरत पर ईमान नहीं रखते वह फ़रिश्तों के नाम रखते हैं औरतों के से नाम हालॉकि उन्हें इसकी कुछ ख़बर नहीं
48125328وما لهم به من علم إن يتبعون إلا الظن وإن الظن لا يغني من الحق شيئا
वह लोग तो बस गुमान (ख्याल) के पीछे चल रहे हैं, हालॉकि गुमान यक़ीन के बदले में कुछ भी काम नहीं आया करता,
48135329فأعرض عن من تولى عن ذكرنا ولم يرد إلا الحياة الدنيا
तो जो हमारी याद से रदगिरदानी करे ओर सिर्फ दुनिया की ज़िन्दगी ही का तालिब हो तुम भी उससे मुँह फेर लो
48145330ذلك مبلغهم من العلم إن ربك هو أعلم بمن ضل عن سبيله وهو أعلم بمن اهتدى
उनके इल्म की यही इन्तिहा है तुम्हारा परवरदिगार, जो उसके रास्ते से भटक गया उसको भी ख़ूब जानता है, और जो राहे रास्त पर है उनसे भी ख़ूब वाक़िफ है


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