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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4792 | 53 | 8 | ثم دنا فتدلى |
| | | फिर वह निकट हुआ और उतर गया |
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4793 | 53 | 9 | فكان قاب قوسين أو أدنى |
| | | अब दो कमानों के बराबर या उससे भी अधिक निकट हो गया |
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4794 | 53 | 10 | فأوحى إلى عبده ما أوحى |
| | | तब उसने अपने बन्दे की ओर प्रकाशना की, जो कुछ प्रकाशना की। |
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4795 | 53 | 11 | ما كذب الفؤاد ما رأى |
| | | दिल ने कोई धोखा नहीं दिया, जो कुछ उसने देखा; |
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4796 | 53 | 12 | أفتمارونه على ما يرى |
| | | अब क्या तुम उस चीज़ पर झगड़ते हो, जिसे वह देख रहा है? - |
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4797 | 53 | 13 | ولقد رآه نزلة أخرى |
| | | और निश्चय ही वह उसे एक बार और |
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4798 | 53 | 14 | عند سدرة المنتهى |
| | | 'सिदरतुल मुन्तहा' (परली सीमा के बेर) के पास उतरते देख चुका है |
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4799 | 53 | 15 | عندها جنة المأوى |
| | | उसी के निकट 'जन्नतुल मावा' (ठिकानेवाली जन्नत) है। - |
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4800 | 53 | 16 | إذ يغشى السدرة ما يغشى |
| | | जबकि छा रहा था उस बेर पर, जो कुछ छा रहा था |
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4801 | 53 | 17 | ما زاغ البصر وما طغى |
| | | निगाह न तो टेढ़ी हुइ और न हद से आगे बढ़ी |
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