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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4787 | 53 | 3 | وما ينطق عن الهوى |
| | | और न वह अपनी इच्छा से बोलता है; |
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4788 | 53 | 4 | إن هو إلا وحي يوحى |
| | | वह तो बस एक प्रकाशना है, जो की जा रही है |
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4789 | 53 | 5 | علمه شديد القوى |
| | | उसे बड़ी शक्तियोंवाले ने सिखाया, |
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4790 | 53 | 6 | ذو مرة فاستوى |
| | | स्थिर रीतिवाले ने। |
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4791 | 53 | 7 | وهو بالأفق الأعلى |
| | | अतः वह भरपूर हुआ, इस हाल में कि वह क्षितिज के उच्चतम छोर पर है |
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4792 | 53 | 8 | ثم دنا فتدلى |
| | | फिर वह निकट हुआ और उतर गया |
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4793 | 53 | 9 | فكان قاب قوسين أو أدنى |
| | | अब दो कमानों के बराबर या उससे भी अधिक निकट हो गया |
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4794 | 53 | 10 | فأوحى إلى عبده ما أوحى |
| | | तब उसने अपने बन्दे की ओर प्रकाशना की, जो कुछ प्रकाशना की। |
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4795 | 53 | 11 | ما كذب الفؤاد ما رأى |
| | | दिल ने कोई धोखा नहीं दिया, जो कुछ उसने देखा; |
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4796 | 53 | 12 | أفتمارونه على ما يرى |
| | | अब क्या तुम उस चीज़ पर झगड़ते हो, जिसे वह देख रहा है? - |
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