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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4762 | 52 | 27 | فمن الله علينا ووقانا عذاب السموم |
| | | तो ख़ुदा ने हम पर बड़ा एहसान किया और हमको (जहन्नुम की) लौ के अज़ाब से बचा लिया |
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4763 | 52 | 28 | إنا كنا من قبل ندعوه إنه هو البر الرحيم |
| | | इससे क़ब्ल हम उनसे दुआएँ किया करते थे बेशक वह एहसान करने वाला मेहरबान है |
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4764 | 52 | 29 | فذكر فما أنت بنعمت ربك بكاهن ولا مجنون |
| | | तो (ऐ रसूल) तुम नसीहत किए जाओ तो तुम अपने परवरदिगार के फज़ल से न काहिन हो और न मजनून किया |
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4765 | 52 | 30 | أم يقولون شاعر نتربص به ريب المنون |
| | | क्या (तुमको) ये लोग कहते हैं कि (ये) शायर हैं (और) हम तो उसके बारे में ज़माने के हवादिस का इन्तेज़ार कर रहे हैं |
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4766 | 52 | 31 | قل تربصوا فإني معكم من المتربصين |
| | | तुम कह दो कि (अच्छा) तुम भी इन्तेज़ार करो मैं भी इन्तेज़ार करता हूँ |
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4767 | 52 | 32 | أم تأمرهم أحلامهم بهذا أم هم قوم طاغون |
| | | क्या उनकी अक्लें उन्हें ये (बातें) बताती हैं या ये लोग हैं ही सरकश |
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4768 | 52 | 33 | أم يقولون تقوله بل لا يؤمنون |
| | | क्या ये लोग कहते हैं कि इसने क़ुरान ख़ुद गढ़ लिया है बात ये है कि ये लोग ईमान ही नहीं रखते |
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4769 | 52 | 34 | فليأتوا بحديث مثله إن كانوا صادقين |
| | | तो अगर ये लोग सच्चे हैं तो ऐसा ही कलाम बना तो लाएँ |
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4770 | 52 | 35 | أم خلقوا من غير شيء أم هم الخالقون |
| | | क्या ये लोग किसी के (पैदा किये) बग़ैर ही पैदा हो गए हैं या यही लोग (मख़लूक़ात के) पैदा करने वाले हैं |
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4771 | 52 | 36 | أم خلقوا السماوات والأرض بل لا يوقنون |
| | | या इन्होने ही ने सारे आसमान व ज़मीन पैदा किए हैं (नहीं) बल्कि ये लोग यक़ीन ही नहीं रखते |
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