بسم الله الرحمن الرحيم

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47625227فمن الله علينا ووقانا عذاب السموم
तो ख़ुदा ने हम पर बड़ा एहसान किया और हमको (जहन्नुम की) लौ के अज़ाब से बचा लिया
47635228إنا كنا من قبل ندعوه إنه هو البر الرحيم
इससे क़ब्ल हम उनसे दुआएँ किया करते थे बेशक वह एहसान करने वाला मेहरबान है
47645229فذكر فما أنت بنعمت ربك بكاهن ولا مجنون
तो (ऐ रसूल) तुम नसीहत किए जाओ तो तुम अपने परवरदिगार के फज़ल से न काहिन हो और न मजनून किया
47655230أم يقولون شاعر نتربص به ريب المنون
क्या (तुमको) ये लोग कहते हैं कि (ये) शायर हैं (और) हम तो उसके बारे में ज़माने के हवादिस का इन्तेज़ार कर रहे हैं
47665231قل تربصوا فإني معكم من المتربصين
तुम कह दो कि (अच्छा) तुम भी इन्तेज़ार करो मैं भी इन्तेज़ार करता हूँ
47675232أم تأمرهم أحلامهم بهذا أم هم قوم طاغون
क्या उनकी अक्लें उन्हें ये (बातें) बताती हैं या ये लोग हैं ही सरकश
47685233أم يقولون تقوله بل لا يؤمنون
क्या ये लोग कहते हैं कि इसने क़ुरान ख़ुद गढ़ लिया है बात ये है कि ये लोग ईमान ही नहीं रखते
47695234فليأتوا بحديث مثله إن كانوا صادقين
तो अगर ये लोग सच्चे हैं तो ऐसा ही कलाम बना तो लाएँ
47705235أم خلقوا من غير شيء أم هم الخالقون
क्या ये लोग किसी के (पैदा किये) बग़ैर ही पैदा हो गए हैं या यही लोग (मख़लूक़ात के) पैदा करने वाले हैं
47715236أم خلقوا السماوات والأرض بل لا يوقنون
या इन्होने ही ने सारे आसमान व ज़मीन पैदा किए हैं (नहीं) बल्कि ये लोग यक़ीन ही नहीं रखते


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