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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4758 | 52 | 23 | يتنازعون فيها كأسا لا لغو فيها ولا تأثيم |
| | | वे वहाँ आपस में प्याले हाथोंहाथ ले रहे होंगे, जिसमें न कोई बेहूदगी होगी और न गुनाह पर उभारनेवाली कोई बात, |
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4759 | 52 | 24 | ويطوف عليهم غلمان لهم كأنهم لؤلؤ مكنون |
| | | और उनकी सेवा में सुरक्षित मोतियों के सदृश किशोर दौड़ते फिरते होंगे, जो ख़ास उन्हीं (की सेवा) के लिए होंगे |
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4760 | 52 | 25 | وأقبل بعضهم على بعض يتساءلون |
| | | उनमें से कुछ व्यक्ति कुछ व्यक्तियों की ओर हाल पूछते हुए रुख़ करेंगे, |
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4761 | 52 | 26 | قالوا إنا كنا قبل في أهلنا مشفقين |
| | | कहेंगे, "निश्चय ही हम पहले अपने घरवालों में डरते रहे है, |
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4762 | 52 | 27 | فمن الله علينا ووقانا عذاب السموم |
| | | "अन्ततः अल्लाह ने हमपर एहसास किया और हमें गर्म विषैली वायु की यातना से बचा लिया |
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4763 | 52 | 28 | إنا كنا من قبل ندعوه إنه هو البر الرحيم |
| | | "इससे पहले हम उसे पुकारते रहे है। निश्चय ही वह सदव्यवहार करनेवाला, अत्यन्त दयावान है।" |
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4764 | 52 | 29 | فذكر فما أنت بنعمت ربك بكاهن ولا مجنون |
| | | अतः तुम याद दिलाते रहो। अपने रब की अनुकम्पा से न तुम काहिन (ढोंगी भविष्यवक्ता) हो और न दीवाना |
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4765 | 52 | 30 | أم يقولون شاعر نتربص به ريب المنون |
| | | या वे कहते है, "वह कवि है जिसके लिए हम काल-चक्र की प्रतीक्षा कर रहे है?" |
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4766 | 52 | 31 | قل تربصوا فإني معكم من المتربصين |
| | | कह दो, "प्रतीक्षा करो! मैं भी तुम्हारे साथ प्रतीक्षा करता हूँ।" |
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4767 | 52 | 32 | أم تأمرهم أحلامهم بهذا أم هم قوم طاغون |
| | | या उनकी बुद्धियाँ यही आदेश दे रही है, या वे ही है सरकश लोग? |
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