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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4740 | 52 | 5 | والسقف المرفوع |
| | | और ऊँची छत (आसमान) की |
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4741 | 52 | 6 | والبحر المسجور |
| | | और जोश व ख़रोश वाले समन्दर की |
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4742 | 52 | 7 | إن عذاب ربك لواقع |
| | | कि तुम्हारे परवरदिगार का अज़ाब बेशक वाकेए होकर रहेगा |
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4743 | 52 | 8 | ما له من دافع |
| | | (और) इसका कोई रोकने वाला नहीं |
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4744 | 52 | 9 | يوم تمور السماء مورا |
| | | जिस दिन आसमान चक्कर खाने लगेगा |
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4745 | 52 | 10 | وتسير الجبال سيرا |
| | | और पहाड़ उड़ने लगेंगे |
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4746 | 52 | 11 | فويل يومئذ للمكذبين |
| | | तो उस दिन झुठलाने वालों की ख़राबी है |
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4747 | 52 | 12 | الذين هم في خوض يلعبون |
| | | जो लोग बातिल में पड़े खेल रहे हैं |
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4748 | 52 | 13 | يوم يدعون إلى نار جهنم دعا |
| | | जिस दिन जहन्नुम की आग की तरफ उनको ढकेल ढकेल ले जाएँगे |
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4749 | 52 | 14 | هذه النار التي كنتم بها تكذبون |
| | | (और उनसे कहा जाएगा) यही वह जहन्नुम है जिसे तुम झुठलाया करते थे |
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