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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4728 | 51 | 53 | أتواصوا به بل هم قوم طاغون |
| | | क्या उन्होंने एक-दूसरे को इसकी वसीयत कर रखी है? नहीं, बल्कि वे है ही सरकश लोग |
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4729 | 51 | 54 | فتول عنهم فما أنت بملوم |
| | | अतः उनसे मुँह फेर लो अब तुमपर कोई मलामत नहीं |
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4730 | 51 | 55 | وذكر فإن الذكرى تنفع المؤمنين |
| | | और याद दिलाते रहो, क्योंकि याद दिलाना ईमानवालों को लाभ पहुँचाता है |
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4731 | 51 | 56 | وما خلقت الجن والإنس إلا ليعبدون |
| | | मैंने तो जिन्नों और मनुष्यों को केवल इसलिए पैदा किया है कि वे मेरी बन्दगी करे |
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4732 | 51 | 57 | ما أريد منهم من رزق وما أريد أن يطعمون |
| | | मैं उनसे कोई रोज़ी नहीं चाहता और न यह चाहता हूँ कि वे मुझे खिलाएँ |
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4733 | 51 | 58 | إن الله هو الرزاق ذو القوة المتين |
| | | निश्चय ही अल्लाह ही है रोज़ी देनेवाला, शक्तिशाली, दृढ़ |
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4734 | 51 | 59 | فإن للذين ظلموا ذنوبا مثل ذنوب أصحابهم فلا يستعجلون |
| | | अतः जिन लोगों ने ज़ुल्म किया है उनके लिए एक नियत पैमाना है; जैसा उनके साथियों का नियत पैमाना था। अतः वे मुझसे जल्दी न मचाएँ! |
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4735 | 51 | 60 | فويل للذين كفروا من يومهم الذي يوعدون |
| | | अतः इनकार करनेवालों के लिए बड़ी खराबी है, उनके उस दिन के कारण जिसकी उन्हें धमकी दी जा रही है |
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4736 | 52 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم والطور |
| | | गवाह है तूर पर्वत, |
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4737 | 52 | 2 | وكتاب مسطور |
| | | और लिखी हुई किताब; |
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