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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4720 | 51 | 45 | فما استطاعوا من قيام وما كانوا منتصرين |
| | | फिर न वह उठने की ताक़त रखते थे और न बदला ही ले सकते थे |
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4721 | 51 | 46 | وقوم نوح من قبل إنهم كانوا قوما فاسقين |
| | | और (उनसे) पहले (हम) नूह की क़ौम को (हलाक कर चुके थे) बेशक वह बदकार लोग थे |
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4722 | 51 | 47 | والسماء بنيناها بأيد وإنا لموسعون |
| | | और हमने आसमानों को अपने बल बूते से बनाया और बेशक हममें सब क़ुदरत है |
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4723 | 51 | 48 | والأرض فرشناها فنعم الماهدون |
| | | और ज़मीन को भी हम ही ने बिछाया तो हम कैसे अच्छे बिछाने वाले हैं |
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4724 | 51 | 49 | ومن كل شيء خلقنا زوجين لعلكم تذكرون |
| | | और हम ही ने हर चीज़ की दो दो क़िस्में बनायीं ताकि तुम लोग नसीहत हासिल करो |
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4725 | 51 | 50 | ففروا إلى الله إني لكم منه نذير مبين |
| | | तो ख़ुदा ही की तरफ़ भागो मैं तुमको यक़ीनन उसकी तरफ से खुल्लम खुल्ला डराने वाला हूँ |
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4726 | 51 | 51 | ولا تجعلوا مع الله إلها آخر إني لكم منه نذير مبين |
| | | और ख़ुदा के साथ दूसरा माबूद न बनाओ मैं तुमको यक़ीनन उसकी तरफ से खुल्लम खुल्ला डराने वाला हूँ |
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4727 | 51 | 52 | كذلك ما أتى الذين من قبلهم من رسول إلا قالوا ساحر أو مجنون |
| | | इसी तरह उनसे पहले लोगों के पास जो पैग़म्बर आता तो वह उसको जादूगर कहते या सिड़ी दीवाना (बताते) |
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4728 | 51 | 53 | أتواصوا به بل هم قوم طاغون |
| | | ये लोग एक दूसरे को ऐसी बात की वसीयत करते आते हैं (नहीं) बल्कि ये लोग हैं ही सरकश |
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4729 | 51 | 54 | فتول عنهم فما أنت بملوم |
| | | तो (ऐ रसूल) तुम इनसे मुँह फेर लो तुम पर तो कुछ इल्ज़ाम नहीं है |
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