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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4713 | 51 | 38 | وفي موسى إذ أرسلناه إلى فرعون بسلطان مبين |
| | | और मूसा के वृतान्त में भी (निशानी है) जब हमने फ़िरऔन के पास के स्पष्ट प्रमाण के साथ भेजा, |
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4714 | 51 | 39 | فتولى بركنه وقال ساحر أو مجنون |
| | | किन्तु उसने अपनी शक्ति के कारण मुँह फेर लिया और कहा, "जादूगर है या दीवाना।" |
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4715 | 51 | 40 | فأخذناه وجنوده فنبذناهم في اليم وهو مليم |
| | | अन्ततः हमने उसे और उसकी सेनाओं को पकड़ लिया और उन्हें गहरे पानी में फेंक दिया, इस दशा में कि वह निन्दनीय था |
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4716 | 51 | 41 | وفي عاد إذ أرسلنا عليهم الريح العقيم |
| | | और आद में भी (तुम्हारे लिए निशानी है) जबकि हमने उनपर अशुभ वायु चला दी |
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4717 | 51 | 42 | ما تذر من شيء أتت عليه إلا جعلته كالرميم |
| | | वह जिस चीज़ पर से गुज़री उसे उसने जीर्ण-शीर्ण करके रख दिया |
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4718 | 51 | 43 | وفي ثمود إذ قيل لهم تمتعوا حتى حين |
| | | और समुद्र में भी (तुम्हारे लिए निशानी है) जबकि उनसे कहा गया, "एक समय तक मज़े कर लो!" |
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4719 | 51 | 44 | فعتوا عن أمر ربهم فأخذتهم الصاعقة وهم ينظرون |
| | | किन्तु उन्होंने अपने रब के आदेश की अवहेलना की; फिर कड़क ने उन्हें आ लिया और वे देखते रहे |
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4720 | 51 | 45 | فما استطاعوا من قيام وما كانوا منتصرين |
| | | फिर वे न खड़े ही हो सके और न अपना बचाव ही कर सके |
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4721 | 51 | 46 | وقوم نوح من قبل إنهم كانوا قوما فاسقين |
| | | और इससे पहले नूह की क़ौम को भी पकड़ा। निश्चय ही वे अवज्ञाकारी लोग थे |
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4722 | 51 | 47 | والسماء بنيناها بأيد وإنا لموسعون |
| | | आकाश को हमने अपने हाथ के बल से बनाया और हम बड़ी समाई रखनेवाले है |
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