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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4708 | 51 | 33 | لنرسل عليهم حجارة من طين |
| | | "ताकि उनके ऊपर मिट्टी के पत्थर (कंकड़) बरसाएँ, |
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4709 | 51 | 34 | مسومة عند ربك للمسرفين |
| | | जो आपके रब के यहाँ सीमा का अतिक्रमण करनेवालों के लिए चिन्हित है।" |
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4710 | 51 | 35 | فأخرجنا من كان فيها من المؤمنين |
| | | फिर वहाँ जो ईमानवाले थे, उन्हें हमने निकाल लिया; |
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4711 | 51 | 36 | فما وجدنا فيها غير بيت من المسلمين |
| | | किन्तु हमने वहाँ एक घर के अतिरिक्त मुसलमानों (आज्ञाकारियों) का और कोई घर न पाया |
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4712 | 51 | 37 | وتركنا فيها آية للذين يخافون العذاب الأليم |
| | | इसके पश्चात हमने वहाँ उन लोगों के लिए एक निशानी छोड़ दी, जो दुखद यातना से डरते है |
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4713 | 51 | 38 | وفي موسى إذ أرسلناه إلى فرعون بسلطان مبين |
| | | और मूसा के वृतान्त में भी (निशानी है) जब हमने फ़िरऔन के पास के स्पष्ट प्रमाण के साथ भेजा, |
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4714 | 51 | 39 | فتولى بركنه وقال ساحر أو مجنون |
| | | किन्तु उसने अपनी शक्ति के कारण मुँह फेर लिया और कहा, "जादूगर है या दीवाना।" |
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4715 | 51 | 40 | فأخذناه وجنوده فنبذناهم في اليم وهو مليم |
| | | अन्ततः हमने उसे और उसकी सेनाओं को पकड़ लिया और उन्हें गहरे पानी में फेंक दिया, इस दशा में कि वह निन्दनीय था |
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4716 | 51 | 41 | وفي عاد إذ أرسلنا عليهم الريح العقيم |
| | | और आद में भी (तुम्हारे लिए निशानी है) जबकि हमने उनपर अशुभ वायु चला दी |
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4717 | 51 | 42 | ما تذر من شيء أتت عليه إلا جعلته كالرميم |
| | | वह जिस चीज़ पर से गुज़री उसे उसने जीर्ण-शीर्ण करके रख दिया |
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