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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4696 | 51 | 21 | وفي أنفسكم أفلا تبصرون |
| | | और ख़ुदा तुम में भी हैं तो क्या तुम देखते नहीं |
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4697 | 51 | 22 | وفي السماء رزقكم وما توعدون |
| | | और तुम्हारी रोज़ी और जिस चीज़ का तुमसे वायदा किया जाता है आसमान में है |
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4698 | 51 | 23 | فورب السماء والأرض إنه لحق مثل ما أنكم تنطقون |
| | | तो आसमान व ज़मीन के मालिक की क़सम ये (क़ुरान) बिल्कुल ठीक है जिस तरह तुम बातें करते हो |
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4699 | 51 | 24 | هل أتاك حديث ضيف إبراهيم المكرمين |
| | | क्या तुम्हारे पास इबराहीम के मुअज़िज़ मेहमानो (फ़रिश्तों) की भी ख़बर पहुँची है कि जब वह लोग उनके पास आए |
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4700 | 51 | 25 | إذ دخلوا عليه فقالوا سلاما قال سلام قوم منكرون |
| | | तो कहने लगे (सलामुन अलैकुम) तो इबराहीम ने भी (अलैकुम) सलाम किया (देखा तो) ऐसे लोग जिनसे न जान न पहचान |
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4701 | 51 | 26 | فراغ إلى أهله فجاء بعجل سمين |
| | | फिर अपने घर जाकर जल्दी से (भुना हुआ) एक मोटा ताज़ा बछड़ा ले आए |
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4702 | 51 | 27 | فقربه إليهم قال ألا تأكلون |
| | | और उसे उनके आगे रख दिया (फिर) कहने लगे आप लोग तनाउल क्यों नहीं करते |
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4703 | 51 | 28 | فأوجس منهم خيفة قالوا لا تخف وبشروه بغلام عليم |
| | | (इस पर भी न खाया) तो इबराहीम उनसे जो ही जी में डरे वह लोग बोले आप अन्देशा न करें और उनको एक दानिशमन्द लड़के की ख़ुशख़बरी दी |
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4704 | 51 | 29 | فأقبلت امرأته في صرة فصكت وجهها وقالت عجوز عقيم |
| | | तो (ये सुनते ही) इबराहीम की बीवी (सारा) चिल्लाती हुई उनके सामने आयीं और अपना मुँह पीट लिया कहने लगीं (ऐ है) एक तो (मैं) बुढ़िया (उस पर) बांझ |
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4705 | 51 | 30 | قالوا كذلك قال ربك إنه هو الحكيم العليم |
| | | लड़का क्यों कर होगा फ़रिश्ते बोले तुम्हारे परवरदिगार ने यूँ ही फरमाया है वह बेशक हिकमत वाला वाक़िफ़कार है |
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