بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
46925117كانوا قليلا من الليل ما يهجعون
रातों को थोड़ा ही सोते थे,
46935118وبالأسحار هم يستغفرون
और वही प्रातः की घड़ियों में क्षमा की प्रार्थना करते थे
46945119وفي أموالهم حق للسائل والمحروم
और उनके मालों में माँगनेवाले और धनहीन का हक़ था
46955120وفي الأرض آيات للموقنين
और धरती में विश्वास करनेवालों के लिए बहुत-सी निशानियाँ है,
46965121وفي أنفسكم أفلا تبصرون
और ,स्वयं तुम्हारे अपने आप में भी। तो क्या तुम देखते नहीं?
46975122وفي السماء رزقكم وما توعدون
और आकाश मे ही तुम्हारी रोज़ी है और वह चीज़ भी जिसका तुमसे वादा किया जा रहा है
46985123فورب السماء والأرض إنه لحق مثل ما أنكم تنطقون
अतः सौगन्ध है आकाश और धरती के रब की। निश्चय ही वह सत्य बात है ऐसे ही जैसे तुम बोलते हो
46995124هل أتاك حديث ضيف إبراهيم المكرمين
क्या इबराईम के प्रतिष्ठित अतिथियों का वृतान्त तुम तक पहँचा?
47005125إذ دخلوا عليه فقالوا سلاما قال سلام قوم منكرون
जब वे उसके पास आए तो कहा, "सलाम है तुमपर!" उसने भी कहा, "सलाम है आप लोगों पर भी!" (और जी में कहा) "ये तो अपरिचित लोग हैं।"
47015126فراغ إلى أهله فجاء بعجل سمين
फिर वह चुपके से अपने घरवालों के पास गया और एक मोटा-ताज़ा बछड़ा (का भूना हुआ मांस) ले आया


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