نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4667 | 50 | 37 | إن في ذلك لذكرى لمن كان له قلب أو ألقى السمع وهو شهيد |
| | | इसमें शक़ नहीं कि जो शख़्श (आगाह) दिल रखता है या कान लगाकर हुज़ूरे क़ल्ब से सुनता है उसके लिए इसमें (काफ़ी) नसीहत है |
|
4668 | 50 | 38 | ولقد خلقنا السماوات والأرض وما بينهما في ستة أيام وما مسنا من لغوب |
| | | और हमने ही यक़ीनन सारे आसमान और ज़मीन और जो कुछ उन दोनों के बीच में है छह: दिन में पैदा किए और थकान तो हमको छुकर भी नहीं गयी |
|
4669 | 50 | 39 | فاصبر على ما يقولون وسبح بحمد ربك قبل طلوع الشمس وقبل الغروب |
| | | तो (ऐ रसूल) जो कुछ ये (काफ़िर) लोग किया करते हैं उस पर तुम सब्र करो और आफ़ताब के निकलने से पहले अपने परवरदिगार के हम्द की तस्बीह किया करो |
|
4670 | 50 | 40 | ومن الليل فسبحه وأدبار السجود |
| | | और थोड़ी देर रात को भी और नमाज़ के बाद भी उसकी तस्बीह करो |
|
4671 | 50 | 41 | واستمع يوم يناد المناد من مكان قريب |
| | | और कान लगा कर सुन रखो कि जिस दिन पुकारने वाला (इसराफ़ील) नज़दीक ही जगह से आवाज़ देगा |
|
4672 | 50 | 42 | يوم يسمعون الصيحة بالحق ذلك يوم الخروج |
| | | (कि उठो) जिस दिन लोग एक सख्त चीख़ को बाख़ूबी सुन लेगें वही दिन (लोगों) के कब्रों से निकलने का होगा |
|
4673 | 50 | 43 | إنا نحن نحيي ونميت وإلينا المصير |
| | | बेशक हम ही (लोगों को) ज़िन्दा करते हैं और हम ही मारते हैं |
|
4674 | 50 | 44 | يوم تشقق الأرض عنهم سراعا ذلك حشر علينا يسير |
| | | और हमारी ही तरफ फिर कर आना है जिस दिन ज़मीन (उनके ऊपर से) फट जाएगी और ये झट पट निकल खड़े होंगे ये उठाना और जमा करना |
|
4675 | 50 | 45 | نحن أعلم بما يقولون وما أنت عليهم بجبار فذكر بالقرآن من يخاف وعيد |
| | | और हम पर बहुत आसान है (ऐ रसूल) ये लोग जो कुछ कहते हैं हम (उसे) ख़ूब जानते हैं और तुम उन पर जब्र तो देते नहीं हो तो जो हमारे (अज़ाब के) वायदे से डरे उसको तुम क़ुरान के ज़रिए नसीहत करते रहो |
|
4676 | 51 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم والذاريات ذروا |
| | | उन (हवाओं की क़सम) जो (बादलों को) उड़ा कर तितर बितर कर देती हैं |
|