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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4658 | 50 | 28 | قال لا تختصموا لدي وقد قدمت إليكم بالوعيد |
| | | कहा, "मेरे सामने मत झगड़ो। मैं तो तुम्हें पहले ही अपनी धमकी से सावधान कर चुका था। - |
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4659 | 50 | 29 | ما يبدل القول لدي وما أنا بظلام للعبيد |
| | | "मेरे यहाँ बात बदला नहीं करती और न मैं अपने बन्दों पर तनिक भी अत्याचार करता हूँ।" |
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4660 | 50 | 30 | يوم نقول لجهنم هل امتلأت وتقول هل من مزيد |
| | | जिस दिन हम जहन्नम से कहेंगे, "क्या तू भर गई?" और वह कहेगी, "क्या अभी और भी कुछ है?" |
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4661 | 50 | 31 | وأزلفت الجنة للمتقين غير بعيد |
| | | और जन्नत डर रखनेवालों के लिए निकट कर दी गई, कुछ भी दूर न रही |
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4662 | 50 | 32 | هذا ما توعدون لكل أواب حفيظ |
| | | "यह है वह चीज़ जिसका तुमसे वादा किया जाता था हर रुजू करनेवाले, बड़ी निगरानी रखनेवाले के लिए; - |
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4663 | 50 | 33 | من خشي الرحمن بالغيب وجاء بقلب منيب |
| | | "जो रहमान से डरा परोक्ष में और आया रुजू रहनेवाला हृदय लेकर - |
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4664 | 50 | 34 | ادخلوها بسلام ذلك يوم الخلود |
| | | "प्रवेश करो उस (जन्नत) में सलामती के साथ" वह शाश्वत दिवस है |
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4665 | 50 | 35 | لهم ما يشاءون فيها ولدينا مزيد |
| | | उनके लिए उसमें वह सब कुछ है जो वे चाहे और हमारे पास उससे अधिक भी है |
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4666 | 50 | 36 | وكم أهلكنا قبلهم من قرن هم أشد منهم بطشا فنقبوا في البلاد هل من محيص |
| | | उनसे पहले हम कितनी ही नस्लों को विनष्ट कर चुके है। वे लोग शक्ति में उनसे कहीं बढ़-चढ़कर थे। (पनाह की तलाश में) उन्होंने नगरों को छान मारा, कोई है भागने को ठिकाना? |
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4667 | 50 | 37 | إن في ذلك لذكرى لمن كان له قلب أو ألقى السمع وهو شهيد |
| | | निश्चय ही इसमें उस व्यक्ति के लिए शिक्षा-सामग्री है जिसके पास दिल हो या वह (दिल से) हाजिर रहकर कान लगाए |
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