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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4656 | 50 | 26 | الذي جعل مع الله إلها آخر فألقياه في العذاب الشديد |
| | | जिसने ख़ुदा के साथ दूसरे माबूद बना रखे थे तो अब तुम दोनों इसको सख्त अज़ाब में डाल ही दो |
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4657 | 50 | 27 | قال قرينه ربنا ما أطغيته ولكن كان في ضلال بعيد |
| | | (उस वक्त) उसका साथी (शैतान) कहेगा परवरदिगार हमने इसको गुमराह नहीं किया था बल्कि ये तो ख़ुद सख्त गुमराही में मुब्तिला था |
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4658 | 50 | 28 | قال لا تختصموا لدي وقد قدمت إليكم بالوعيد |
| | | इस पर ख़ुदा फ़रमाएगा हमारे सामने झगड़े न करो मैं तो तुम लोगों को पहले ही (अज़ाब से) डरा चुका था |
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4659 | 50 | 29 | ما يبدل القول لدي وما أنا بظلام للعبيد |
| | | मेरे यहाँ बात बदला नहीं करती और न मैं बन्दों पर (ज़र्रा बराबर) ज़ुल्म करने वाला हूँ |
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4660 | 50 | 30 | يوم نقول لجهنم هل امتلأت وتقول هل من مزيد |
| | | उस दिन हम दोज़ख़ से पूछेंगे कि तू भर चुकी और वह कहेगी क्या कुछ और भी हैं |
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4661 | 50 | 31 | وأزلفت الجنة للمتقين غير بعيد |
| | | और बेहिश्त परहेज़गारों के बिलकुल करीब कर दी जाएगी |
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4662 | 50 | 32 | هذا ما توعدون لكل أواب حفيظ |
| | | यही तो वह बेहिश्त है जिसका तुममें से हर एक (ख़ुदा की तरफ़) रूजू करने वाले (हुदूद की) हिफाज़त करने वाले से वायदा किया जाता है |
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4663 | 50 | 33 | من خشي الرحمن بالغيب وجاء بقلب منيب |
| | | तो जो शख़्श ख़ुदा से बे देखे डरता रहा और ख़ुदा की तरफ़ रूजू करने वाला दिल लेकर आया |
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4664 | 50 | 34 | ادخلوها بسلام ذلك يوم الخلود |
| | | (उसको हुक्म होगा कि) इसमें सही सलामत दाख़िल हो जाओ यहीं तो हमेशा रहने का दिन है |
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4665 | 50 | 35 | لهم ما يشاءون فيها ولدينا مزيد |
| | | इसमें ये लोग जो चाहेंगे उनके लिए हाज़िर है और हमारे यहॉ तो इससे भी ज्यादा है |
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