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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4641 | 50 | 11 | رزقا للعباد وأحيينا به بلدة ميتا كذلك الخروج |
| | | (ये सब कुछ) बन्दों की रोज़ी देने के लिए (पैदा किया) और पानी ही से हमने मुर्दा शहर (उफ़तादा ज़मीन) को ज़िन्दा किया |
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4642 | 50 | 12 | كذبت قبلهم قوم نوح وأصحاب الرس وثمود |
| | | इसी तरह (क़यामत में मुर्दों को) निकलना होगा उनसे पहले नूह की क़ौम और ख़न्दक़ वालों और (क़ौम) समूद ने अपने अपने पैग़म्बरों को झुठलाया |
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4643 | 50 | 13 | وعاد وفرعون وإخوان لوط |
| | | और (क़ौम) आद और फिरऔन और लूत की क़ौम |
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4644 | 50 | 14 | وأصحاب الأيكة وقوم تبع كل كذب الرسل فحق وعيد |
| | | और बन के रहने वालों (क़ौम शुऐब) और तुब्बा की क़ौम और (उन) सबने अपने (अपने) पैग़म्बरों को झुठलाया तो हमारा (अज़ाब का) वायदा पूरा हो कर रहा |
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4645 | 50 | 15 | أفعيينا بالخلق الأول بل هم في لبس من خلق جديد |
| | | तो क्या हम पहली बार पैदा करके थक गये हैं (हरगिज़ नहीं) मगर ये लोग अज़ सरे नौ (दोबारा) पैदा करने की निस्बत शक़ में पड़े हैं |
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4646 | 50 | 16 | ولقد خلقنا الإنسان ونعلم ما توسوس به نفسه ونحن أقرب إليه من حبل الوريد |
| | | और बेशक हम ही ने इन्सान को पैदा किया और जो ख्यालात उसके दिल में गुज़रते हैं हम उनको जानते हैं और हम तो उसकी शहरग से भी ज्यादा क़रीब हैं |
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4647 | 50 | 17 | إذ يتلقى المتلقيان عن اليمين وعن الشمال قعيد |
| | | जब (वह कोई काम करता हैं तो) दो लिखने वाले (केरामन क़ातेबीन) जो उसके दाहिने बाएं बैठे हैं लिख लेते हैं |
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4648 | 50 | 18 | ما يلفظ من قول إلا لديه رقيب عتيد |
| | | कोई बात उसकी ज़बान पर नहीं आती मगर एक निगेहबान उसके पास तैयार रहता है |
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4649 | 50 | 19 | وجاءت سكرة الموت بالحق ذلك ما كنت منه تحيد |
| | | मौत की बेहोशी यक़ीनन तारी होगी (जो हम बता देंगे कि) यही तो वह (हालात है) जिससे तू भागा करता था |
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4650 | 50 | 20 | ونفخ في الصور ذلك يوم الوعيد |
| | | और सूर फूँका जाएगा यही (अज़ाब) के वायदे का दिन है और हर शख़्श (हमारे सामने) (इस तरह) हाज़िर होगा |
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