بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
4639509ونزلنا من السماء ماء مباركا فأنبتنا به جنات وحب الحصيد
और हमने आकाश से बरकतवाला पानी उतारा, फिर उससे बाग़ और फ़सल के अनाज।
46405010والنخل باسقات لها طلع نضيد
और ऊँचे-ऊँचे खजूर के वृक्ष उगाए जिनके गुच्छे तह पर तह होते है,
46415011رزقا للعباد وأحيينا به بلدة ميتا كذلك الخروج
बन्दों की रोजी के लिए। और हमने उस (पानी) के द्वारा निर्जीव धरती को जीवन प्रदान किया। इसी प्रकार निकलना भी हैं
46425012كذبت قبلهم قوم نوح وأصحاب الرس وثمود
उनसे पहले नूह की क़ौम, 'अर्-रस' वाले, समूद,
46435013وعاد وفرعون وإخوان لوط
आद, फ़िरऔन , लूत के भाई,
46445014وأصحاب الأيكة وقوم تبع كل كذب الرسل فحق وعيد
'अल-ऐका' वाले और तुब्बा के लोग भी झुठला चुके है। प्रत्येक ने रसूलों को झुठलाया। अन्ततः मेरी धमकी सत्यापित होकर रही
46455015أفعيينا بالخلق الأول بل هم في لبس من خلق جديد
क्या हम पहली बार पैदा करने से असमर्थ रहे? नहीं, बल्कि वे एक नई सृष्टि के विषय में सन्देह में पड़े है
46465016ولقد خلقنا الإنسان ونعلم ما توسوس به نفسه ونحن أقرب إليه من حبل الوريد
हमने मनुष्य को पैदा किया है और हम जानते है जो बातें उसके जी में आती है। और हम उससे उसकी गरदन की रग से भी अधिक निकट है
46475017إذ يتلقى المتلقيان عن اليمين وعن الشمال قعيد
जब दो प्राप्त करनेवाले (फ़रिशते) प्राप्त कर रहे होते है, दाएँ से और बाएँ से वे लगे बैठे होते है
46485018ما يلفظ من قول إلا لديه رقيب عتيد
कोई बात उसने कही नहीं कि उसके पास एक निरीक्षक तैयार रहता है


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