بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
4636506أفلم ينظروا إلى السماء فوقهم كيف بنيناها وزيناها وما لها من فروج
तो क्या इन लोगों ने अपने ऊपर आसमान की नज़र नहीं की कि हमने उसको क्यों कर बनाया और उसको कैसी ज़ीनत दी और उनसे कहीं शिगाफ्त तक नहीं
4637507والأرض مددناها وألقينا فيها رواسي وأنبتنا فيها من كل زوج بهيج
और ज़मीन को हमने फैलाया और उस पर बोझल पहाड़ रख दिये और इसमें हर तरह की ख़ुशनुमा चीज़ें उगाई ताकि तमाम रूजू लाने वाले
4638508تبصرة وذكرى لكل عبد منيب
(बन्दे) हिदायत और इबरत हासिल करें
4639509ونزلنا من السماء ماء مباركا فأنبتنا به جنات وحب الحصيد
और हमने आसमान से बरकत वाला पानी बरसाया तो उससे बाग़ (के दरख्त) उगाए और खेती का अनाज और लम्बी लम्बी खजूरें
46405010والنخل باسقات لها طلع نضيد
जिसका बौर बाहम गुथा हुआ है
46415011رزقا للعباد وأحيينا به بلدة ميتا كذلك الخروج
(ये सब कुछ) बन्दों की रोज़ी देने के लिए (पैदा किया) और पानी ही से हमने मुर्दा शहर (उफ़तादा ज़मीन) को ज़िन्दा किया
46425012كذبت قبلهم قوم نوح وأصحاب الرس وثمود
इसी तरह (क़यामत में मुर्दों को) निकलना होगा उनसे पहले नूह की क़ौम और ख़न्दक़ वालों और (क़ौम) समूद ने अपने अपने पैग़म्बरों को झुठलाया
46435013وعاد وفرعون وإخوان لوط
और (क़ौम) आद और फिरऔन और लूत की क़ौम
46445014وأصحاب الأيكة وقوم تبع كل كذب الرسل فحق وعيد
और बन के रहने वालों (क़ौम शुऐब) और तुब्बा की क़ौम और (उन) सबने अपने (अपने) पैग़म्बरों को झुठलाया तो हमारा (अज़ाब का) वायदा पूरा हो कर रहा
46455015أفعيينا بالخلق الأول بل هم في لبس من خلق جديد
तो क्या हम पहली बार पैदा करके थक गये हैं (हरगिज़ नहीं) मगर ये लोग अज़ सरे नौ (दोबारा) पैदा करने की निस्बत शक़ में पड़े हैं


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