بسم الله الرحمن الرحيم

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46014818لقد رضي الله عن المؤمنين إذ يبايعونك تحت الشجرة فعلم ما في قلوبهم فأنزل السكينة عليهم وأثابهم فتحا قريبا
निश्चय ही अल्लाह मोमिनों से प्रसन्न हुआ, जब वे वृक्ष के नीचे तुमसे बैअत कर रहे थे। उसने जान लिया जो कुछ उनके दिलों में था। अतः उनपर उसने सकीना (प्रशान्ति) उतारी और बदले में उन्हें मिलनेवाली विजय निश्चित कर दी;
46024819ومغانم كثيرة يأخذونها وكان الله عزيزا حكيما
और बहुत-सी ग़नीमतें भी, जिन्हें वे प्राप्त करेंगे। अल्लाह प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है
46034820وعدكم الله مغانم كثيرة تأخذونها فعجل لكم هذه وكف أيدي الناس عنكم ولتكون آية للمؤمنين ويهديكم صراطا مستقيما
अल्लाह ने तुमसे बहुत-सी गंनीमतों का वादा किया हैं, जिन्हें तुम प्राप्त करोगे। यह विजय तो उसने तुम्हें तात्कालिक रूप से निश्चित कर दी। और लोगों के हाथ तुमसे रोक दिए (कि वे तुमपर आक्रमण करने का साहस न कर सकें) और ताकि ईमानवालों के लिए एक निशानी हो। और वह सीधे मार्ग की ओर तुम्हारा मार्गदर्शन करे
46044821وأخرى لم تقدروا عليها قد أحاط الله بها وكان الله على كل شيء قديرا
इसके अतिरिक्त दूसरी और विजय का भी वादा है, जिसकी सामर्थ्य अभी तुम्हे प्राप्त नहीं, उन्हें अल्लाह ने घेर रखा है। अल्लाह को हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है
46054822ولو قاتلكم الذين كفروا لولوا الأدبار ثم لا يجدون وليا ولا نصيرا
यदि (मक्का के) इनकार करनेवाले तुमसे लड़ते तो अवश्य ही पीठ फेर जाते। फिर यह भी कि वे न तो कोई संरक्षक पाएँगे और न कोई सहायक
46064823سنة الله التي قد خلت من قبل ولن تجد لسنة الله تبديلا
यह अल्लाह की उस रीति के अनुकूल है जो पहले से चली आई है, और तुम अल्लाह की रीति में कदापि कोई परिवर्तन न पाओगे
46074824وهو الذي كف أيديهم عنكم وأيديكم عنهم ببطن مكة من بعد أن أظفركم عليهم وكان الله بما تعملون بصيرا
वही है जिसने उसके हाथ तुमसे और तुम्हारे हाथ उनसे मक्के की घाटी में रोक दिए इसके पश्चात कि वह तुम्हें उनपर प्रभावी कर चुका था। अल्लाह उसे देख रहा था जो कुछ तुम कर रहे थे
46084825هم الذين كفروا وصدوكم عن المسجد الحرام والهدي معكوفا أن يبلغ محله ولولا رجال مؤمنون ونساء مؤمنات لم تعلموهم أن تطئوهم فتصيبكم منهم معرة بغير علم ليدخل الله في رحمته من يشاء لو تزيلوا لعذبنا الذين كفروا منهم عذابا أليما
ये वही लोग तो है जिन्होंने इनकार किया और तुम्हें मस्जिदे हराम (काबा) से रोक दिया और क़ुरबानी के बँधे हुए जानवरों को भी इससे रोके रखा कि वे अपने ठिकाने पर पहुँचे। यदि यह ख़याल न होता कि बहुत-से मोमिन पुरुष और मोमिन स्त्रियाँ (मक्का में) मौजूद है, जिन्हें तुम नहीं जानते, उन्हें कुचल दोगे, फिर उनके सिलसिले में अनजाने तुमपर इल्ज़ाम आएगा (तो युद्ध की अनुमति दे दी जाती, अनुमति इसलिए नहीं दी गई) ताकि अल्लाह जिसे चाहे अपनी दयालुता में दाख़िल कर ले। यदि वे ईमानवाले अलग हो गए होते तो उनमें से जिन लोगों ने इनकार किया उनको हम अवश्य दुखद यातना देते
46094826إذ جعل الذين كفروا في قلوبهم الحمية حمية الجاهلية فأنزل الله سكينته على رسوله وعلى المؤمنين وألزمهم كلمة التقوى وكانوا أحق بها وأهلها وكان الله بكل شيء عليما
याद करो जब इनकार करनेवाले लोगों ने अपने दिलों में हठ को जगह दी, अज्ञानपूर्ण हठ को; तो अल्लाह ने अपने रसूल पर और ईमानवालो पर सकीना (प्रशान्ति) उतारी और उन्हें परहेज़गारी (धर्मपरायणता) की बात का पाबन्द रखा। वे इसके ज़्यादा हक़दार और इसके योग्य भी थे। अल्लाह तो हर चीज़ जानता है
46104827لقد صدق الله رسوله الرؤيا بالحق لتدخلن المسجد الحرام إن شاء الله آمنين محلقين رءوسكم ومقصرين لا تخافون فعلم ما لم تعلموا فجعل من دون ذلك فتحا قريبا
निश्चय ही अल्लाह ने अपने रसूल को हक़ के साथ सच्चा स्वप्न दिखाया, "यदि अल्लाह ने चाहा तो तुम अवश्य मस्जिदे हराम (काबा) में प्रवेश करोगे बेखटके, अपने सिर के बाल मुड़ाते और कतरवाते हुए, तुम्हें कोई भय न होगा।" हुआ यह कि उसने वह बात जान ली जो तुमने नहीं जानी। अतः इससे पहले उसने शीघ्र प्राप्त होनेवाली विजय तुम्हारे लिए निश्चिंत कर दी


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