بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
45954812بل ظننتم أن لن ينقلب الرسول والمؤمنون إلى أهليهم أبدا وزين ذلك في قلوبكم وظننتم ظن السوء وكنتم قوما بورا
"नहीं, बल्कि तुमने यह समझा कि रसूल और ईमानवाले अपने घरवालों की ओर लौटकर कभी न आएँगे और यह तुम्हारे दिलों को अच्छा लगा। तुमने तो बहुत बुरे गुमान किए और तुम्हीं लोग हुए तबाही में पड़नेवाले।"
45964813ومن لم يؤمن بالله ورسوله فإنا أعتدنا للكافرين سعيرا
और अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान न लाया, तो हमने भी इनकार करनेवालों के लिए भड़कती आग तैयार कर रखी है
45974814ولله ملك السماوات والأرض يغفر لمن يشاء ويعذب من يشاء وكان الله غفورا رحيما
अल्लाह ही की है आकाशों और धरती की बादशाही। वह जिसे चाहे क्षमा करे और जिसे चाहे यातना दे। और अल्लाह बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है
45984815سيقول المخلفون إذا انطلقتم إلى مغانم لتأخذوها ذرونا نتبعكم يريدون أن يبدلوا كلام الله قل لن تتبعونا كذلكم قال الله من قبل فسيقولون بل تحسدوننا بل كانوا لا يفقهون إلا قليلا
जब तुम ग़नीमतों को प्राप्त करने के लिए उनकी ओर चलोगे तो पीछे रहनेवाले कहेंगे, "हमें भी अनुमति दी जाए कि हम तुम्हारे साथ चले।" वे चाहते है कि अल्लाह का कथन को बदल दे। कह देना, "तुम हमारे साथ कदापि नहीं चल सकते। अल्लाह ने पहले ही ऐसा कह दिया है।" इसपर वे कहेंगे, "नहीं, बल्कि तुम हमसे ईर्ष्या कर रहे हो।" नहीं, बल्कि वे लोग समझते थोड़े ही है
45994816قل للمخلفين من الأعراب ستدعون إلى قوم أولي بأس شديد تقاتلونهم أو يسلمون فإن تطيعوا يؤتكم الله أجرا حسنا وإن تتولوا كما توليتم من قبل يعذبكم عذابا أليما
पीछे रह जानेवाले बद्‌दूओं से कहना, "शीघ्र ही तुम्हें ऐसे लोगों की ओर बुलाया जाएगा जो बड़े युद्धवीर है कि तुम उनसे लड़ो या वे आज्ञाकारी हो जाएँ। तो यदि तुम आज्ञाकारी हो जाएँ। तो यदि तुम आज्ञापालन करोगे तो अल्लाह तुम्हें अच्छा बदला प्रदान करेगा। किन्तु यदि तुम फिर गए, जैसे पहले फिर गए थे, तो वह तुम्हें दुखद यातना देगा।"
46004817ليس على الأعمى حرج ولا على الأعرج حرج ولا على المريض حرج ومن يطع الله ورسوله يدخله جنات تجري من تحتها الأنهار ومن يتول يعذبه عذابا أليما
न अन्धे के लिए कोई हरज है, न लँगडे के लिए कोई हरज है और न बीमार के लिए कोई हरज है। जो भी अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा का पालन करेगा, उसे वह ऐसे बाग़ों में दाख़िल करके, जिनके नीचे नहरे बह रही होगी, किन्तु जो मुँह फेरेगा उसे वह दुखद यातना देगा
46014818لقد رضي الله عن المؤمنين إذ يبايعونك تحت الشجرة فعلم ما في قلوبهم فأنزل السكينة عليهم وأثابهم فتحا قريبا
निश्चय ही अल्लाह मोमिनों से प्रसन्न हुआ, जब वे वृक्ष के नीचे तुमसे बैअत कर रहे थे। उसने जान लिया जो कुछ उनके दिलों में था। अतः उनपर उसने सकीना (प्रशान्ति) उतारी और बदले में उन्हें मिलनेवाली विजय निश्चित कर दी;
46024819ومغانم كثيرة يأخذونها وكان الله عزيزا حكيما
और बहुत-सी ग़नीमतें भी, जिन्हें वे प्राप्त करेंगे। अल्लाह प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है
46034820وعدكم الله مغانم كثيرة تأخذونها فعجل لكم هذه وكف أيدي الناس عنكم ولتكون آية للمؤمنين ويهديكم صراطا مستقيما
अल्लाह ने तुमसे बहुत-सी गंनीमतों का वादा किया हैं, जिन्हें तुम प्राप्त करोगे। यह विजय तो उसने तुम्हें तात्कालिक रूप से निश्चित कर दी। और लोगों के हाथ तुमसे रोक दिए (कि वे तुमपर आक्रमण करने का साहस न कर सकें) और ताकि ईमानवालों के लिए एक निशानी हो। और वह सीधे मार्ग की ओर तुम्हारा मार्गदर्शन करे
46044821وأخرى لم تقدروا عليها قد أحاط الله بها وكان الله على كل شيء قديرا
इसके अतिरिक्त दूसरी और विजय का भी वादा है, जिसकी सामर्थ्य अभी तुम्हे प्राप्त नहीं, उन्हें अल्लाह ने घेर रखा है। अल्लाह को हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है


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