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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4574 | 47 | 29 | أم حسب الذين في قلوبهم مرض أن لن يخرج الله أضغانهم |
| | | क्या वह लोग जिनके दिलों में (नेफ़ाक़ का) मर्ज़ है ये ख्याल करते हैं कि ख़ुदा दिल के कीनों को भी न ज़ाहिर करेगा |
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4575 | 47 | 30 | ولو نشاء لأريناكهم فلعرفتهم بسيماهم ولتعرفنهم في لحن القول والله يعلم أعمالكم |
| | | तो हम चाहते तो हम तुम्हें इन लोगों को दिखा देते तो तुम उनकी पेशानी ही से उनको पहचान लेते अगर तुम उन्हें उनके अन्दाज़े गुफ्तगू ही से ज़रूर पहचान लोगे और ख़ुदा तो तुम्हारे आमाल से वाक़िफ है |
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4576 | 47 | 31 | ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والصابرين ونبلو أخباركم |
| | | और हम तुम लोगों को ज़रूर आज़माएँगे ताकि तुममें जो लोग जेहाद करने वाले और (तकलीफ़) झेलने वाले हैं उनको देख लें और तुम्हारे हालात जाँच लें |
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4577 | 47 | 32 | إن الذين كفروا وصدوا عن سبيل الله وشاقوا الرسول من بعد ما تبين لهم الهدى لن يضروا الله شيئا وسيحبط أعمالهم |
| | | बेशक जिन लोगों पर (दीन की) सीधी राह साफ़ ज़ाहिर हो गयी उसके बाद इन्कार कर बैठे और (लोगों को) ख़ुदा की राह से रोका और पैग़म्बर की मुख़ालेफ़त की तो ख़ुदा का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकेंगे और वह उनका सब किया कराया अक़ारत कर देगा |
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4578 | 47 | 33 | يا أيها الذين آمنوا أطيعوا الله وأطيعوا الرسول ولا تبطلوا أعمالكم |
| | | ऐ ईमानदारों ख़ुदा का हुक्म मानों और रसूल की फरमाँबरदारी करो और अपने आमाल को ज़ाया न करो |
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4579 | 47 | 34 | إن الذين كفروا وصدوا عن سبيل الله ثم ماتوا وهم كفار فلن يغفر الله لهم |
| | | बेशक जो लोग काफ़िर हो गए और लोगों को ख़ुदा की राह से रोका, फिर काफिर ही मर गए तो ख़ुदा उनको हरगिज़ नहीं बख्शेगा तो तुम हिम्मत न हारो |
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4580 | 47 | 35 | فلا تهنوا وتدعوا إلى السلم وأنتم الأعلون والله معكم ولن يتركم أعمالكم |
| | | और (दुशमनों को)े सुलह की दावत न दो तुम ग़ालिब हो ही और ख़ुदा तो तुम्हारे साथ है और हरगिज़ तुम्हारे आमाल (के सवाब को कम न करेगा) |
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4581 | 47 | 36 | إنما الحياة الدنيا لعب ولهو وإن تؤمنوا وتتقوا يؤتكم أجوركم ولا يسألكم أموالكم |
| | | दुनियावी ज़िन्दगी तो बस खेल तमाशा है और अगर तुम (ख़ुदा पर) ईमान रखोगे और परहेज़गारी करोगे तो वह तुमको तुम्हारे अज्र इनायत फरमाएगा और तुमसे तुम्हारे माल नहीं तलब करेगा |
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4582 | 47 | 37 | إن يسألكموها فيحفكم تبخلوا ويخرج أضغانكم |
| | | और अगर वह तुमसे माल तलब करे और तुमसे चिमट कर माँगे भी तो तुम (ज़रूर) बुख्ल करने लगो |
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4583 | 47 | 38 | ها أنتم هؤلاء تدعون لتنفقوا في سبيل الله فمنكم من يبخل ومن يبخل فإنما يبخل عن نفسه والله الغني وأنتم الفقراء وإن تتولوا يستبدل قوما غيركم ثم لا يكونوا أمثالكم |
| | | और ख़ुदा तो तुम्हारे कीने को ज़रूर ज़ाहिर करके रहेगा देखो तुम लोग वही तो हो कि ख़ुदा की राह में ख़र्च के लिए बुलाए जाते हो तो बाज़ तुम में ऐसे भी हैं जो बुख्ल करते हैं और (याद रहे कि) जो बुख्ल करता है तो ख़ुद अपने ही से बुख्ल करता है और ख़ुदा तो बेनियाज़ है और तुम (उसके) मोहताज हो और अगर तुम (ख़ुदा के हुक्म से) मुँह फेरोगे तो ख़ुदा (तुम्हारे सिवा) दूसरों बदल देगा और वह तुम्हारे ऐसे (बख़ील) न होंगे |
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