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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4571 | 47 | 26 | ذلك بأنهم قالوا للذين كرهوا ما نزل الله سنطيعكم في بعض الأمر والله يعلم إسرارهم |
| | | यह इसलिए जो लोग ख़ुदा की नाज़िल की हुई(किताब) से बेज़ार हैं ये उनसे कहते हैं कि बाज़ कामों में हम तुम्हारी ही बात मानेंगे और ख़ुदा उनके पोशीदा मशवरों से वाक़िफ है |
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4572 | 47 | 27 | فكيف إذا توفتهم الملائكة يضربون وجوههم وأدبارهم |
| | | तो जब फ़रिश्तें उनकी जान निकालेंगे उस वक्त उनका क्या हाल होगा कि उनके चेहरों पर और उनकी पुश्त पर मारते जाएँगे |
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4573 | 47 | 28 | ذلك بأنهم اتبعوا ما أسخط الله وكرهوا رضوانه فأحبط أعمالهم |
| | | ये इस सबब से कि जिस चीज़ों से ख़ुदा नाख़ुश है उसकी तो ये लोग पैरवी करते हैं और जिसमें ख़ुदा की ख़ुशी है उससे बेज़ार हैं तो ख़ुदा ने भी उनकी कारस्तानियों को अकारत कर दिया |
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4574 | 47 | 29 | أم حسب الذين في قلوبهم مرض أن لن يخرج الله أضغانهم |
| | | क्या वह लोग जिनके दिलों में (नेफ़ाक़ का) मर्ज़ है ये ख्याल करते हैं कि ख़ुदा दिल के कीनों को भी न ज़ाहिर करेगा |
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4575 | 47 | 30 | ولو نشاء لأريناكهم فلعرفتهم بسيماهم ولتعرفنهم في لحن القول والله يعلم أعمالكم |
| | | तो हम चाहते तो हम तुम्हें इन लोगों को दिखा देते तो तुम उनकी पेशानी ही से उनको पहचान लेते अगर तुम उन्हें उनके अन्दाज़े गुफ्तगू ही से ज़रूर पहचान लोगे और ख़ुदा तो तुम्हारे आमाल से वाक़िफ है |
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4576 | 47 | 31 | ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والصابرين ونبلو أخباركم |
| | | और हम तुम लोगों को ज़रूर आज़माएँगे ताकि तुममें जो लोग जेहाद करने वाले और (तकलीफ़) झेलने वाले हैं उनको देख लें और तुम्हारे हालात जाँच लें |
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4577 | 47 | 32 | إن الذين كفروا وصدوا عن سبيل الله وشاقوا الرسول من بعد ما تبين لهم الهدى لن يضروا الله شيئا وسيحبط أعمالهم |
| | | बेशक जिन लोगों पर (दीन की) सीधी राह साफ़ ज़ाहिर हो गयी उसके बाद इन्कार कर बैठे और (लोगों को) ख़ुदा की राह से रोका और पैग़म्बर की मुख़ालेफ़त की तो ख़ुदा का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकेंगे और वह उनका सब किया कराया अक़ारत कर देगा |
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4578 | 47 | 33 | يا أيها الذين آمنوا أطيعوا الله وأطيعوا الرسول ولا تبطلوا أعمالكم |
| | | ऐ ईमानदारों ख़ुदा का हुक्म मानों और रसूल की फरमाँबरदारी करो और अपने आमाल को ज़ाया न करो |
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4579 | 47 | 34 | إن الذين كفروا وصدوا عن سبيل الله ثم ماتوا وهم كفار فلن يغفر الله لهم |
| | | बेशक जो लोग काफ़िर हो गए और लोगों को ख़ुदा की राह से रोका, फिर काफिर ही मर गए तो ख़ुदा उनको हरगिज़ नहीं बख्शेगा तो तुम हिम्मत न हारो |
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4580 | 47 | 35 | فلا تهنوا وتدعوا إلى السلم وأنتم الأعلون والله معكم ولن يتركم أعمالكم |
| | | और (दुशमनों को)े सुलह की दावत न दो तुम ग़ालिब हो ही और ख़ुदा तो तुम्हारे साथ है और हरगिज़ तुम्हारे आमाल (के सवाब को कम न करेगा) |
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