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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4562 | 47 | 17 | والذين اهتدوا زادهم هدى وآتاهم تقواهم |
| | | और जो लोग हिदायत याफ़ता हैं उनको ख़ुदा (क़ुरान के ज़रिए से) मज़ीद हिदायत करता है और उनको परहेज़गारी अता फरमाता है |
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4563 | 47 | 18 | فهل ينظرون إلا الساعة أن تأتيهم بغتة فقد جاء أشراطها فأنى لهم إذا جاءتهم ذكراهم |
| | | तो क्या ये लोग बस क़यामत ही के मुनतज़िर हैं कि उन पर एक बारगी आ जाए तो उसकी निशानियाँ आ चुकी हैं तो जिस वक्त क़यामत उन (के सर) पर आ पहुँचेगी फिर उन्हें नसीहत कहाँ मुफीद हो सकती है |
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4564 | 47 | 19 | فاعلم أنه لا إله إلا الله واستغفر لذنبك وللمؤمنين والمؤمنات والله يعلم متقلبكم ومثواكم |
| | | तो फिर समझ लो कि ख़ुदा के सिवा कोई माबूद नहीं और (हम से) अपने और ईमानदार मर्दों और ईमानदार औरतों के गुनाहों की माफ़ी मांगते रहो और ख़ुदा तुम्हारे चलने फिरने और ठहरने से (ख़ूब) वाक़िफ़ है |
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4565 | 47 | 20 | ويقول الذين آمنوا لولا نزلت سورة فإذا أنزلت سورة محكمة وذكر فيها القتال رأيت الذين في قلوبهم مرض ينظرون إليك نظر المغشي عليه من الموت فأولى لهم |
| | | और मोमिनीन कहते हैं कि (जेहाद के बारे में) कोई सूरा क्यों नहीं नाज़िल होता लेकिन जब कोई साफ़ सरीही मायनों का सूरा नाज़िल हुआ और उसमें जेहाद का बयान हो तो जिन लोगों के दिल में (नेफ़ाक़) का मर्ज़ है तुम उनको देखोगे कि तुम्हारी तरफ़ इस तरह देखते हैं जैसे किसी पर मौत की बेहोशी (छायी) हो (कि उसकी ऑंखें पथरा जाएं) तो उन पर वाए हो |
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4566 | 47 | 21 | طاعة وقول معروف فإذا عزم الأمر فلو صدقوا الله لكان خيرا لهم |
| | | (उनके लिए अच्छा काम तो) फरमाबरदारी और पसन्दीदा बात है फिर जब लड़ाई ठन जाए तो अगर ये लोग ख़ुदा से सच्चे रहें तो उनके हक़ में बहुत बेहतर है |
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4567 | 47 | 22 | فهل عسيتم إن توليتم أن تفسدوا في الأرض وتقطعوا أرحامكم |
| | | (मुनाफ़िक़ों) क्या तुमसे कुछ दूर है कि अगर तुम हाक़िम बनो तो रूए ज़मीन में फसाद फैलाने और अपने रिश्ते नातों को तोड़ने लगो ये वही लोग हैं जिन पर ख़ुदा ने लानत की है |
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4568 | 47 | 23 | أولئك الذين لعنهم الله فأصمهم وأعمى أبصارهم |
| | | और (गोया ख़ुद उसने) उन (के कानों) को बहरा और ऑंखों को अंधा कर दिया है |
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4569 | 47 | 24 | أفلا يتدبرون القرآن أم على قلوب أقفالها |
| | | तो क्या लोग क़ुरान में (ज़रा भी) ग़ौर नहीं करते या (उनके) दिलों पर ताले लगे हुए हैं |
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4570 | 47 | 25 | إن الذين ارتدوا على أدبارهم من بعد ما تبين لهم الهدى الشيطان سول لهم وأملى لهم |
| | | बेशक जो लोग राहे हिदायत साफ़ साफ़ मालूम होने के बाद उलटे पाँव (कुफ़्र की तरफ) फिर गये शैतान ने उन्हें (बुते देकर) ढील दे रखी है और उनकी (तमन्नाओं) की रस्सियाँ दराज़ कर दी हैं |
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4571 | 47 | 26 | ذلك بأنهم قالوا للذين كرهوا ما نزل الله سنطيعكم في بعض الأمر والله يعلم إسرارهم |
| | | यह इसलिए जो लोग ख़ुदा की नाज़िल की हुई(किताब) से बेज़ार हैं ये उनसे कहते हैं कि बाज़ कामों में हम तुम्हारी ही बात मानेंगे और ख़ुदा उनके पोशीदा मशवरों से वाक़िफ है |
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