بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
45204610قل أرأيتم إن كان من عند الله وكفرتم به وشهد شاهد من بني إسرائيل على مثله فآمن واستكبرتم إن الله لا يهدي القوم الظالمين
कहो, "क्या तुमने सोचा भी (कि तुम्हारा क्या परिणाम होगा)? यदि वह (क़ुरआन) अल्लाह के यहाँ से हुआ और तुमने उसका इनकार कर दिया, हालाँकि इसराईल की सन्तान में से एक गवाह ने उसके एक भाग की गवाही भी दी। सो वह ईमान ले आया और तुम घमंड में पड़े रहे। अल्लाह तो ज़ालिम लोगों को मार्ग नहीं दिखाता।"
45214611وقال الذين كفروا للذين آمنوا لو كان خيرا ما سبقونا إليه وإذ لم يهتدوا به فسيقولون هذا إفك قديم
जिन लोगों ने इनकार किया, वे ईमान लानेवालों के बारे में कहते है, "यदि वह अच्छा होता तो वे उसकी ओर (बढ़ने में) हमसे अग्रसर न रहते।" औऱ जब उन्होंने उससे मार्ग ग्रहण नहीं किया तो अब अवश्य कहेंगे, "यह तो पुराना झूठ है!"
45224612ومن قبله كتاب موسى إماما ورحمة وهذا كتاب مصدق لسانا عربيا لينذر الذين ظلموا وبشرى للمحسنين
हालाँकि इससे पहले मूसा की किताब पथप्रदर्शक और दयालुता रही है। और यह किताब, जो अरबी भाषा में है, उसकी पुष्टि में है, ताकि उन लोगों को सचेत कर दे जिन्होंने ज़ु्ल्म किया और शुभ सूचना हो उत्तमकारों के लिए
45234613إن الذين قالوا ربنا الله ثم استقاموا فلا خوف عليهم ولا هم يحزنون
निश्चय ही जिन लोगों ने कहा, "हमारा रब अल्लाह है।" फिर वे उसपर जमे रहे, तो उन्हें न तो कोई भय होगा और न वे शोकाकुल होगे
45244614أولئك أصحاب الجنة خالدين فيها جزاء بما كانوا يعملون
वही जन्नतवाले है, वहाँ वे सदैव रहेंगे उसके बदले में जो वे करते रहे है
45254615ووصينا الإنسان بوالديه إحسانا حملته أمه كرها ووضعته كرها وحمله وفصاله ثلاثون شهرا حتى إذا بلغ أشده وبلغ أربعين سنة قال رب أوزعني أن أشكر نعمتك التي أنعمت علي وعلى والدي وأن أعمل صالحا ترضاه وأصلح لي في ذريتي إني تبت إليك وإني من المسلمين
हमने मनुष्य को अपने माँ-बाप के साथ अच्छा व्यवहार करने की ताकीद की। उसकी माँ ने उसे (पेट में) तकलीफ़ के साथ उठाए रखा और उसे जना भी तकलीफ़ के साथ। और उसके गर्भ की अवस्था में रहने और दूध छुड़ाने की अवधि तीस माह है, यहाँ तक कि जब वह अपनी पूरी शक्ति को पहुँचा और चालीस वर्ष का हुआ तो उसने कहा, "ऐ मेरे रब! मुझे सम्भाल कि मैं तेरी उस अनुकम्पा के प्रति कृतज्ञता दिखाऊँ, जो तुने मुझपर और मेरे माँ-बाप पर की है। और यह कि मैं ऐसा अच्छा कर्म करूँ जो तुझे प्रिय हो और मेरे लिए मेरी संतति में भलाई रख दे। मैं तेरे आगे तौबा करता हूँ औऱ मैं मुस्लिम (आज्ञाकारी) हूँ।"
45264616أولئك الذين نتقبل عنهم أحسن ما عملوا ونتجاوز عن سيئاتهم في أصحاب الجنة وعد الصدق الذي كانوا يوعدون
ऐसे ही लोग जिनसे हम अच्छे कर्म, जो उन्होंने किए होंगे, स्वीकार कर लेगें और उनकी बुराइयों को टाल जाएँगे। इस हाल में कि वे जन्नतवालों में होंगे, उस सच्चे वादे के अनुरूप जो उनसे किया जाता रहा है
45274617والذي قال لوالديه أف لكما أتعدانني أن أخرج وقد خلت القرون من قبلي وهما يستغيثان الله ويلك آمن إن وعد الله حق فيقول ما هذا إلا أساطير الأولين
किन्तु वह व्यक्ति जिसने अपने माँ-बाप से कहा, "धिक है तुम पर! क्या तुम मुझे डराते हो कि मैं (क़ब्र से) निकाला जाऊँगा, हालाँकि मुझसे पहले कितनी ही नस्लें गुज़र चुकी है?" और वे दोनों अल्लाह से फ़रियाद करते है - "अफ़सोस है तुमपर! मान जा। निस्संदेह अल्लाह का वादा सच्चा है।" किन्तु वह कहता है, "ये तो बस पहले के लोगों की कहानियाँ है।"
45284618أولئك الذين حق عليهم القول في أمم قد خلت من قبلهم من الجن والإنس إنهم كانوا خاسرين
ऐसे ही लोग है जिनपर उन गिरोहों के साथ यातना की बात सत्यापित होकर रही जो जिन्नों और मनुष्यों में से उनसे पहले गुज़र चुके है। निश्चय ही वे घाटे में रहे
45294619ولكل درجات مما عملوا وليوفيهم أعمالهم وهم لا يظلمون
उनमें से प्रत्येक के दरजे उनके अपने किए हुए कर्मों के अनुसार होंगे (ताकि अल्लाह का वादा पूरा हो) और वह उन्हें उनके कर्मों का पूरा-पूरा बदला चुका दे और उनपर कदापि ज़ुल्म न होगा


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