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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4520 | 46 | 10 | قل أرأيتم إن كان من عند الله وكفرتم به وشهد شاهد من بني إسرائيل على مثله فآمن واستكبرتم إن الله لا يهدي القوم الظالمين |
| | | कहो, "क्या तुमने सोचा भी (कि तुम्हारा क्या परिणाम होगा)? यदि वह (क़ुरआन) अल्लाह के यहाँ से हुआ और तुमने उसका इनकार कर दिया, हालाँकि इसराईल की सन्तान में से एक गवाह ने उसके एक भाग की गवाही भी दी। सो वह ईमान ले आया और तुम घमंड में पड़े रहे। अल्लाह तो ज़ालिम लोगों को मार्ग नहीं दिखाता।" |
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4521 | 46 | 11 | وقال الذين كفروا للذين آمنوا لو كان خيرا ما سبقونا إليه وإذ لم يهتدوا به فسيقولون هذا إفك قديم |
| | | जिन लोगों ने इनकार किया, वे ईमान लानेवालों के बारे में कहते है, "यदि वह अच्छा होता तो वे उसकी ओर (बढ़ने में) हमसे अग्रसर न रहते।" औऱ जब उन्होंने उससे मार्ग ग्रहण नहीं किया तो अब अवश्य कहेंगे, "यह तो पुराना झूठ है!" |
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4522 | 46 | 12 | ومن قبله كتاب موسى إماما ورحمة وهذا كتاب مصدق لسانا عربيا لينذر الذين ظلموا وبشرى للمحسنين |
| | | हालाँकि इससे पहले मूसा की किताब पथप्रदर्शक और दयालुता रही है। और यह किताब, जो अरबी भाषा में है, उसकी पुष्टि में है, ताकि उन लोगों को सचेत कर दे जिन्होंने ज़ु्ल्म किया और शुभ सूचना हो उत्तमकारों के लिए |
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4523 | 46 | 13 | إن الذين قالوا ربنا الله ثم استقاموا فلا خوف عليهم ولا هم يحزنون |
| | | निश्चय ही जिन लोगों ने कहा, "हमारा रब अल्लाह है।" फिर वे उसपर जमे रहे, तो उन्हें न तो कोई भय होगा और न वे शोकाकुल होगे |
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4524 | 46 | 14 | أولئك أصحاب الجنة خالدين فيها جزاء بما كانوا يعملون |
| | | वही जन्नतवाले है, वहाँ वे सदैव रहेंगे उसके बदले में जो वे करते रहे है |
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4525 | 46 | 15 | ووصينا الإنسان بوالديه إحسانا حملته أمه كرها ووضعته كرها وحمله وفصاله ثلاثون شهرا حتى إذا بلغ أشده وبلغ أربعين سنة قال رب أوزعني أن أشكر نعمتك التي أنعمت علي وعلى والدي وأن أعمل صالحا ترضاه وأصلح لي في ذريتي إني تبت إليك وإني من المسلمين |
| | | हमने मनुष्य को अपने माँ-बाप के साथ अच्छा व्यवहार करने की ताकीद की। उसकी माँ ने उसे (पेट में) तकलीफ़ के साथ उठाए रखा और उसे जना भी तकलीफ़ के साथ। और उसके गर्भ की अवस्था में रहने और दूध छुड़ाने की अवधि तीस माह है, यहाँ तक कि जब वह अपनी पूरी शक्ति को पहुँचा और चालीस वर्ष का हुआ तो उसने कहा, "ऐ मेरे रब! मुझे सम्भाल कि मैं तेरी उस अनुकम्पा के प्रति कृतज्ञता दिखाऊँ, जो तुने मुझपर और मेरे माँ-बाप पर की है। और यह कि मैं ऐसा अच्छा कर्म करूँ जो तुझे प्रिय हो और मेरे लिए मेरी संतति में भलाई रख दे। मैं तेरे आगे तौबा करता हूँ औऱ मैं मुस्लिम (आज्ञाकारी) हूँ।" |
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4526 | 46 | 16 | أولئك الذين نتقبل عنهم أحسن ما عملوا ونتجاوز عن سيئاتهم في أصحاب الجنة وعد الصدق الذي كانوا يوعدون |
| | | ऐसे ही लोग जिनसे हम अच्छे कर्म, जो उन्होंने किए होंगे, स्वीकार कर लेगें और उनकी बुराइयों को टाल जाएँगे। इस हाल में कि वे जन्नतवालों में होंगे, उस सच्चे वादे के अनुरूप जो उनसे किया जाता रहा है |
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4527 | 46 | 17 | والذي قال لوالديه أف لكما أتعدانني أن أخرج وقد خلت القرون من قبلي وهما يستغيثان الله ويلك آمن إن وعد الله حق فيقول ما هذا إلا أساطير الأولين |
| | | किन्तु वह व्यक्ति जिसने अपने माँ-बाप से कहा, "धिक है तुम पर! क्या तुम मुझे डराते हो कि मैं (क़ब्र से) निकाला जाऊँगा, हालाँकि मुझसे पहले कितनी ही नस्लें गुज़र चुकी है?" और वे दोनों अल्लाह से फ़रियाद करते है - "अफ़सोस है तुमपर! मान जा। निस्संदेह अल्लाह का वादा सच्चा है।" किन्तु वह कहता है, "ये तो बस पहले के लोगों की कहानियाँ है।" |
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4528 | 46 | 18 | أولئك الذين حق عليهم القول في أمم قد خلت من قبلهم من الجن والإنس إنهم كانوا خاسرين |
| | | ऐसे ही लोग है जिनपर उन गिरोहों के साथ यातना की बात सत्यापित होकर रही जो जिन्नों और मनुष्यों में से उनसे पहले गुज़र चुके है। निश्चय ही वे घाटे में रहे |
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4529 | 46 | 19 | ولكل درجات مما عملوا وليوفيهم أعمالهم وهم لا يظلمون |
| | | उनमें से प्रत्येक के दरजे उनके अपने किए हुए कर्मों के अनुसार होंगे (ताकि अल्लाह का वादा पूरा हो) और वह उन्हें उनके कर्मों का पूरा-पूरा बदला चुका दे और उनपर कदापि ज़ुल्म न होगा |
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