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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4515 | 46 | 5 | ومن أضل ممن يدعو من دون الله من لا يستجيب له إلى يوم القيامة وهم عن دعائهم غافلون |
| | | और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों |
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4516 | 46 | 6 | وإذا حشر الناس كانوا لهم أعداء وكانوا بعبادتهم كافرين |
| | | और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएगें तो वह (माबूद) उनके दुशमन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे |
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4517 | 46 | 7 | وإذا تتلى عليهم آياتنا بينات قال الذين كفروا للحق لما جاءهم هذا سحر مبين |
| | | और जब हमारी खुली खुली आयतें उनके सामने पढ़ी जाती हैं तो जो लोग काफिर हैं हक़ के बारे में जब उनके पास आ चुका तो कहते हैं ये तो सरीही जादू है |
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4518 | 46 | 8 | أم يقولون افتراه قل إن افتريته فلا تملكون لي من الله شيئا هو أعلم بما تفيضون فيه كفى به شهيدا بيني وبينكم وهو الغفور الرحيم |
| | | क्या ये कहते हैं कि इसने इसको ख़ुद गढ़ लिया है तो (ऐ रसूल) तुम कह दो कि अगर मैं इसको (अपने जी से) गढ़ लेता तो तुम ख़ुदा के सामने मेरे कुछ भी काम न आओगे जो जो बातें तुम लोग उसके बारे में करते रहते हो वह ख़ूब जानता है मेरे और तुम्हारे दरमियान वही गवाही को काफ़ी है और वही बड़ा बख्शने वाला है मेहरबान है |
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4519 | 46 | 9 | قل ما كنت بدعا من الرسل وما أدري ما يفعل بي ولا بكم إن أتبع إلا ما يوحى إلي وما أنا إلا نذير مبين |
| | | (ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं कोई नया रसूल तो आया नहीं हूँ और मैं कुछ नहीं जानता कि आइन्दा मेरे साथ क्या किया जाएगा और न (ये कि) तुम्हारे साथ क्या किया जाएगा मैं तो बस उसी का पाबन्द हूँ जो मेरे पास वही आयी है और मैं तो बस एलानिया डराने वाला हूँ |
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4520 | 46 | 10 | قل أرأيتم إن كان من عند الله وكفرتم به وشهد شاهد من بني إسرائيل على مثله فآمن واستكبرتم إن الله لا يهدي القوم الظالمين |
| | | (ऐ रसूल) तुम कह दो कि भला देखो तो कि अगर ये (क़ुरान) ख़ुदा की तरफ से हो और तुम उससे इन्कार कर बैठे हालॉकि (बनी इसराईल में से) एक गवाह उसके मिसल की गवाही भी दे चुका और ईमान भी ले आया और तुमने सरकशी की (तो तुम्हारे ज़ालिम होने में क्या शक़ है) बेशक ख़ुदा ज़ालिम लोगों को मन्ज़िल मक़सूद तक नहीं पहुँचाता |
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4521 | 46 | 11 | وقال الذين كفروا للذين آمنوا لو كان خيرا ما سبقونا إليه وإذ لم يهتدوا به فسيقولون هذا إفك قديم |
| | | और काफिर लोग मोमिनों के बारे में कहते हैं कि अगर ये (दीन) बेहतर होता तो ये लोग उसकी तरफ हमसे पहले न दौड़ पड़ते और जब क़ुरान के ज़रिए से उनकी हिदायत न हुई तो अब भी कहेंगे ये तो एक क़दीमी झूठ है |
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4522 | 46 | 12 | ومن قبله كتاب موسى إماما ورحمة وهذا كتاب مصدق لسانا عربيا لينذر الذين ظلموا وبشرى للمحسنين |
| | | और इसके क़ब्ल मूसा की किताब पेशवा और (सरासर) रहमत थी और ये (क़ुरान) वह किताब है जो अरबी ज़बान में (उसकी) तसदीक़ करती है ताकि (इसके ज़रिए से) ज़ालिमों को डराए और नेकी कारों के लिए (अज़सरतापा) ख़ुशख़बरी है |
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4523 | 46 | 13 | إن الذين قالوا ربنا الله ثم استقاموا فلا خوف عليهم ولا هم يحزنون |
| | | बेशक जिन लोगों ने कहा कि हमारा परवरदिगार ख़ुदा है फिर वह इस पर क़ायम रहे तो (क़यामत में) उनको न कुछ ख़ौफ़ होगा और न वह ग़मग़ीन होंगे |
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4524 | 46 | 14 | أولئك أصحاب الجنة خالدين فيها جزاء بما كانوا يعملون |
| | | यही तो अहले जन्नत हैं कि हमेशा उसमें रहेंगे (ये) उसका सिला है जो ये लोग (दुनिया में) किया करते थे |
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