بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
45044531وأما الذين كفروا أفلم تكن آياتي تتلى عليكم فاستكبرتم وكنتم قوما مجرمين
और जिन्होंने कुफ्र एख्तेयार किया (उनसे कहा जाएगा) तो क्या तुम्हारे सामने हमारी आयतें नहीं पढ़ी जाती थीं (ज़रूर) तो तुमने तकब्बुर किया और तुम लोग तो गुनेहगार हो गए
45054532وإذا قيل إن وعد الله حق والساعة لا ريب فيها قلتم ما ندري ما الساعة إن نظن إلا ظنا وما نحن بمستيقنين
और जब (तुम से) कहा जाता था कि ख़ुदा का वायदा सच्चा है और क़यामत (के आने) में कुछ शुबहा नहीं तो तुम कहते थे कि हम नहीं जानते कि क़यामत क्या चीज़ है हम तो बस (उसे) एक ख्याली बात समझते हैं और हम तो (उसका) यक़ीन नहीं रखते
45064533وبدا لهم سيئات ما عملوا وحاق بهم ما كانوا به يستهزئون
और उनके करतूतों की बुराईयाँ उस पर ज़ाहिर हो जाएँगी और जिस (अज़ाब) की ये हँसी उड़ाया करते थे उन्हें (हर तरफ से) घेर लेगा
45074534وقيل اليوم ننساكم كما نسيتم لقاء يومكم هذا ومأواكم النار وما لكم من ناصرين
और (उनसे) कहा जाएगा कि जिस तरह तुमने उस दिन के आने को भुला दिया था उसी तरह आज हम तुमको अपनी रहमत से अमदन भुला देंगे और तुम्हारा ठिकाना दोज़ख़ है और कोई तुम्हारा मददगार नहीं
45084535ذلكم بأنكم اتخذتم آيات الله هزوا وغرتكم الحياة الدنيا فاليوم لا يخرجون منها ولا هم يستعتبون
ये इस सबब से कि तुम लोगों ने ख़ुदा की आयतों को हँसी ठट्ठा बना रखा था और दुनयावी ज़िन्दगी ने तुमको धोखे में डाल दिया था ग़रज़ ये लोग न तो आज दुनिया से निकाले जाएँगे और न उनको इसका मौका दिया जाएगा कि (तौबा करके ख़ुदा को) राज़ी कर ले
45094536فلله الحمد رب السماوات ورب الأرض رب العالمين
पस सब तारीफ ख़ुदा ही के लिए सज़ावार है जो सारे आसमान का मालिक और ज़मीन का मालिक (ग़रज़) सारे जहॉन का मालिक है
45104537وله الكبرياء في السماوات والأرض وهو العزيز الحكيم
और सारे आसमान व ज़मीन में उसके लिए बड़ाई है और वही (सब पर) ग़ालिब हिकमत वाला है
4511461بسم الله الرحمن الرحيم حم
हा मीम
4512462تنزيل الكتاب من الله العزيز الحكيم
ये किताब ग़ालिब (व) हकीम ख़ुदा की तरफ से नाज़िल हुई है
4513463ما خلقنا السماوات والأرض وما بينهما إلا بالحق وأجل مسمى والذين كفروا عما أنذروا معرضون
हमने तो सारे आसमान व ज़मीन और जो कुछ इन दोनों के दरमियान है हिकमत ही से एक ख़ास वक्त तक के लिए ही पैदा किया है और कुफ्फ़ार जिन चीज़ों से डराए जाते हैं उन से मुँह फेर लेते हैं


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