نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4489 | 45 | 16 | ولقد آتينا بني إسرائيل الكتاب والحكم والنبوة ورزقناهم من الطيبات وفضلناهم على العالمين |
| | | निश्चय ही हमने इसराईल की सन्तान को किताब और हुक्म और पैग़म्बरी प्रदान की थी। और हमने उन्हें पवित्र चीज़ो की रोज़ी दी और उन्हें सारे संसारवालों पर श्रेष्ठता प्रदान की |
|
4490 | 45 | 17 | وآتيناهم بينات من الأمر فما اختلفوا إلا من بعد ما جاءهم العلم بغيا بينهم إن ربك يقضي بينهم يوم القيامة فيما كانوا فيه يختلفون |
| | | और हमने उन्हें इस मामले के विषय में स्पष्ट निशानियाँ प्रदान कीं। फिर जो भी विभेद उन्होंने किया, वह इसके पश्चात ही किया कि उनके पास ज्ञान आ चुका था और इस कारण कि वे परस्पर एक-दूसरे पर ज़्यादती करना चाहते थे। निश्चय ही तुम्हारा रब क़ियामत के दिन उनके बीच उन चीज़ों के बारे में फ़ैसला कर देगा, जिनमें वे परस्पर विभेद करते रहे है |
|
4491 | 45 | 18 | ثم جعلناك على شريعة من الأمر فاتبعها ولا تتبع أهواء الذين لا يعلمون |
| | | फिर हमने तुम्हें इस मामलें में एक खुले मार्ग (शरीअत) पर कर दिया। अतः तुम उसी पर चलो और उन लोगों की इच्छाओं का अनुपालन न करना जो जानते नहीं |
|
4492 | 45 | 19 | إنهم لن يغنوا عنك من الله شيئا وإن الظالمين بعضهم أولياء بعض والله ولي المتقين |
| | | वे अल्लाह के मुक़ाबले में तुम्हारे कदापि कुछ काम नहीं आ सकते। निश्चय ही ज़ालिम लोग एक-दूसरे के साथी है और डर रखनेवालों का साथी अल्लाह है |
|
4493 | 45 | 20 | هذا بصائر للناس وهدى ورحمة لقوم يوقنون |
| | | वह लोगों के लिए सूझ के प्रकाशों का पुंज है, और मार्गदर्शन और दयालुता है उन लोगों के लिए जो विश्वास करें |
|
4494 | 45 | 21 | أم حسب الذين اجترحوا السيئات أن نجعلهم كالذين آمنوا وعملوا الصالحات سواء محياهم ومماتهم ساء ما يحكمون |
| | | (क्या मार्गदर्शन और पथभ्रष्ट ता समान है) या वे लोग, जिन्होंने बुराइयाँ कमाई है, यह समझ बैठे हैं कि हम उन्हें उन लोगों जैसा कर देंगे जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए कि उनका जीना और मरना समान हो जाए? बहुत ही बुरा है जो निर्णय वे करते है! |
|
4495 | 45 | 22 | وخلق الله السماوات والأرض بالحق ولتجزى كل نفس بما كسبت وهم لا يظلمون |
| | | अल्लाह ने आकाशों और धरती को हक़ के साथ पैदा किया और इसलिए कि प्रत्येक व्यक्ति को उसकी कमाई का बदला दिया जाए और उनपर ज़ुल्म न किया जाए |
|
4496 | 45 | 23 | أفرأيت من اتخذ إلهه هواه وأضله الله على علم وختم على سمعه وقلبه وجعل على بصره غشاوة فمن يهديه من بعد الله أفلا تذكرون |
| | | क्या तुमने उस व्यक्ति को नहीं देखा जिसने अपनी इच्छा ही को अपना उपास्य बना लिया? अल्लाह ने (उसकी स्थिति) जानते हुए उसे गुमराही में डाल दिया, और उसके कान और उसके दिल पर ठप्पा लगा दिया और उसकी आँखों पर परदा डाल दिया। फिर अब अल्लाह के पश्चात कौन उसे मार्ग पर ला सकता है? तो क्या तुम शिक्षा नहीं ग्रहण करते? |
|
4497 | 45 | 24 | وقالوا ما هي إلا حياتنا الدنيا نموت ونحيا وما يهلكنا إلا الدهر وما لهم بذلك من علم إن هم إلا يظنون |
| | | वे कहते है, "वह तो बस हमारा सांसारिक जीवन ही है। हम मरते और जीते है। हमें तो बस काल (समय) ही विनष्ट करता है।" हालाँकि उनके पास इसका कोई ज्ञान नहीं। वे तो बस अटकलें ही दौड़ाते है |
|
4498 | 45 | 25 | وإذا تتلى عليهم آياتنا بينات ما كان حجتهم إلا أن قالوا ائتوا بآبائنا إن كنتم صادقين |
| | | और जब उनके सामने हमारी स्पष्ट आयतें पढ़ी जाती है, तो उनकी हुज्जत इसके सिवा कुछ और नहीं होती कि वे कहते है, "यदि तुम सच्चे हो तो हमारे बाप-दादा को ले आओ।" |
|