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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4484 | 45 | 11 | هذا هدى والذين كفروا بآيات ربهم لهم عذاب من رجز أليم |
| | | ये (क़ुरान) है और जिन लोगों ने अपने परवरदिगार की आयतों से इन्कार किया उनके लिए सख्त किस्म का दर्दनाक अज़ाब होगा |
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4485 | 45 | 12 | الله الذي سخر لكم البحر لتجري الفلك فيه بأمره ولتبتغوا من فضله ولعلكم تشكرون |
| | | ख़ुदा ही तो है जिसने दरिया को तुम्हारे क़ाबू में कर दिया ताकि उसके हुक्म से उसमें कश्तियां चलें और ताकि उसके फज़ल (व करम) से (मआश की) तलाश करो और ताकि तुम शुक्र करो |
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4486 | 45 | 13 | وسخر لكم ما في السماوات وما في الأرض جميعا منه إن في ذلك لآيات لقوم يتفكرون |
| | | और जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है सबको अपने (हुक्म) से तुम्हारे काम में लगा दिया है जो लोग ग़ौर करते हैं उनके लिए इसमें (क़ुदरते ख़ुदा की) बहुत सी निशानियाँ हैं |
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4487 | 45 | 14 | قل للذين آمنوا يغفروا للذين لا يرجون أيام الله ليجزي قوما بما كانوا يكسبون |
| | | (ऐ रसूल) मोमिनों से कह दो कि जो लोग ख़ुदा के दिनों की (जो जज़ा के लिए मुक़र्रर हैं) तवक्क़ो नहीं रखते उनसे दरगुज़र करें ताकि वह लोगों के आमाल का बदला दे |
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4488 | 45 | 15 | من عمل صالحا فلنفسه ومن أساء فعليها ثم إلى ربكم ترجعون |
| | | जो शख़्श नेक काम करता है तो ख़ास अपने लिए और बुरा काम करेगा तो उस का वबाल उसी पर होगा फिर (आख़िर) तुम अपने परवरदिगार की तरफ लौटाए जाओगे |
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4489 | 45 | 16 | ولقد آتينا بني إسرائيل الكتاب والحكم والنبوة ورزقناهم من الطيبات وفضلناهم على العالمين |
| | | और हमने बनी इसराईल को किताब (तौरेत) और हुकूमत और नबूवत अता की और उन्हें उम्दा उम्दा चीज़ें खाने को दीं और उनको सारे जहॉन पर फ़ज़ीलत दी |
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4490 | 45 | 17 | وآتيناهم بينات من الأمر فما اختلفوا إلا من بعد ما جاءهم العلم بغيا بينهم إن ربك يقضي بينهم يوم القيامة فيما كانوا فيه يختلفون |
| | | और उनको दीन की खुली हुई दलीलें इनायत की तो उन लोगों ने इल्म आ चुकने के बाद बस आपस की ज़िद में एक दूसरे से एख्तेलाफ़ किया कि ये लोग जिन बातों से एख्तेलाफ़ कर रहें हैं क़यामत के दिन तुम्हारा परवरदिगार उनमें फैसला कर देगा |
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4491 | 45 | 18 | ثم جعلناك على شريعة من الأمر فاتبعها ولا تتبع أهواء الذين لا يعلمون |
| | | फिर (ऐ रसूल) हमने तुमको दीन के खुले रास्ते पर क़ायम किया है तो इसी (रास्ते) पर चले जाओ और नादानों की ख्वाहिशो की पैरवी न करो |
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4492 | 45 | 19 | إنهم لن يغنوا عنك من الله شيئا وإن الظالمين بعضهم أولياء بعض والله ولي المتقين |
| | | ये लोग ख़ुदा के सामने तुम्हारे कुछ भी काम न आएँगे और ज़ालिम लोग एक दूसरे के मददगार हैं और ख़ुदा तो परहेज़गारों का मददगार है |
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4493 | 45 | 20 | هذا بصائر للناس وهدى ورحمة لقوم يوقنون |
| | | ये (क़ुरान) लोगों (की) हिदायत के लिए दलीलो का मजमूआ है और बातें करने वाले लोगों के लिए (अज़सरतापा) हिदायत व रहमत है |
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