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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4482 | 45 | 9 | وإذا علم من آياتنا شيئا اتخذها هزوا أولئك لهم عذاب مهين |
| | | जब हमारी आयतों में से कोई बात वह जान लेता है तो वह उनका परिहास करता है, ऐसे लोगों के लिए रुसवा कर देनेवाली यातना है |
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4483 | 45 | 10 | من ورائهم جهنم ولا يغني عنهم ما كسبوا شيئا ولا ما اتخذوا من دون الله أولياء ولهم عذاب عظيم |
| | | उनके आगे जहन्नम है, जो उन्होंने कमाया वह उनके कुछ काम न आएगा और न यही कि उन्होंने अल्लाह को छोड़कर अपने संरक्षक ठहरा रखे है। उनके लिए तो बड़ी यातना है |
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4484 | 45 | 11 | هذا هدى والذين كفروا بآيات ربهم لهم عذاب من رجز أليم |
| | | यह सर्वथा मार्गदर्शन है। और जिन लोगों ने अपने रब की आयतों को इनकार किया, उनके लिए हिला देनेवाली दुखद यातना है |
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4485 | 45 | 12 | الله الذي سخر لكم البحر لتجري الفلك فيه بأمره ولتبتغوا من فضله ولعلكم تشكرون |
| | | वह अल्लाह ही है जिसने समुद्र को तुम्हारे लिए वशीभूत कर दिया है, ताकि उसके आदेश से नौकाएँ उसमें चलें; और ताकि तुम उसका उदार अनुग्रह तलाश करो; और इसलिए कि तुम कृतज्ञता दिखाओ |
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4486 | 45 | 13 | وسخر لكم ما في السماوات وما في الأرض جميعا منه إن في ذلك لآيات لقوم يتفكرون |
| | | जो चीज़ें आकाशों में है और जो धरती में हैं, उसने उन सबको अपनी ओर से तुम्हारे काम में लगा रखा है। निश्चय ही इसमें उन लोगों के लिए निशानियाँ है जो सोच-विचार से काम लेते है |
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4487 | 45 | 14 | قل للذين آمنوا يغفروا للذين لا يرجون أيام الله ليجزي قوما بما كانوا يكسبون |
| | | जो लोग ईमान लाए उनसे कह दो कि, "वे उन लोगों को क्षमा करें (उनकी करतूतों पर ध्यान न दे) अल्लाह के दिनों की आशा नहीं रखते, ताकि वह इसके परिणामस्वरूप उन लोगों को उनकी अपनी कमाई का बदला दे |
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4488 | 45 | 15 | من عمل صالحا فلنفسه ومن أساء فعليها ثم إلى ربكم ترجعون |
| | | जो कुछ अच्छा कर्म करता है तो अपने ही लिए करेगा और जो कोई बुरा कर्म करता है तो उसका वबाल उसी पर होगा। फिर तुम अपने रब की ओर लौटाये जाओगे |
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4489 | 45 | 16 | ولقد آتينا بني إسرائيل الكتاب والحكم والنبوة ورزقناهم من الطيبات وفضلناهم على العالمين |
| | | निश्चय ही हमने इसराईल की सन्तान को किताब और हुक्म और पैग़म्बरी प्रदान की थी। और हमने उन्हें पवित्र चीज़ो की रोज़ी दी और उन्हें सारे संसारवालों पर श्रेष्ठता प्रदान की |
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4490 | 45 | 17 | وآتيناهم بينات من الأمر فما اختلفوا إلا من بعد ما جاءهم العلم بغيا بينهم إن ربك يقضي بينهم يوم القيامة فيما كانوا فيه يختلفون |
| | | और हमने उन्हें इस मामले के विषय में स्पष्ट निशानियाँ प्रदान कीं। फिर जो भी विभेद उन्होंने किया, वह इसके पश्चात ही किया कि उनके पास ज्ञान आ चुका था और इस कारण कि वे परस्पर एक-दूसरे पर ज़्यादती करना चाहते थे। निश्चय ही तुम्हारा रब क़ियामत के दिन उनके बीच उन चीज़ों के बारे में फ़ैसला कर देगा, जिनमें वे परस्पर विभेद करते रहे है |
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4491 | 45 | 18 | ثم جعلناك على شريعة من الأمر فاتبعها ولا تتبع أهواء الذين لا يعلمون |
| | | फिर हमने तुम्हें इस मामलें में एक खुले मार्ग (शरीअत) पर कर दिया। अतः तुम उसी पर चलो और उन लोगों की इच्छाओं का अनुपालन न करना जो जानते नहीं |
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