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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4449 | 44 | 35 | إن هي إلا موتتنا الأولى وما نحن بمنشرين |
| | | "बस यह हमारी पहली मृत्यु ही है, हम दोबारा उठाए जानेवाले नहीं हैं |
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4450 | 44 | 36 | فأتوا بآبائنا إن كنتم صادقين |
| | | तो ले आओ हमारे बाप-दादा को, यदि तुम सच्चे हो!" |
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4451 | 44 | 37 | أهم خير أم قوم تبع والذين من قبلهم أهلكناهم إنهم كانوا مجرمين |
| | | क्या वे अच्छे है या तुब्बा की क़ौम या वे लोग जो उनसे पहले गुज़र चुके है? हमने उन्हें विनष्ट कर दिया, निश्चय ही वे अपराधी थे |
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4452 | 44 | 38 | وما خلقنا السماوات والأرض وما بينهما لاعبين |
| | | हमने आकाशों और धरती को और जो कुछ उनके बीच है उन्हें खेल नहीं बनाया |
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4453 | 44 | 39 | ما خلقناهما إلا بالحق ولكن أكثرهم لا يعلمون |
| | | हमने उन्हें हक़ के साथ पैदा किया, किन्तु उनमें से अधिककर लोग जानते नहीं |
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4454 | 44 | 40 | إن يوم الفصل ميقاتهم أجمعين |
| | | निश्चय ही फ़ैसले का दिन उन सबका नियत समय है, |
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4455 | 44 | 41 | يوم لا يغني مولى عن مولى شيئا ولا هم ينصرون |
| | | जिस दिन कोई अपना किसी अपने के कुछ काम न आएगा और न कोई सहायता पहुँचेगी, |
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4456 | 44 | 42 | إلا من رحم الله إنه هو العزيز الرحيم |
| | | सिवाय उस व्यक्ति के जिसपर अल्लाह दया करे। निश्चय ही वह प्रभुत्वशाली, अत्यन्त दयावान है |
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4457 | 44 | 43 | إن شجرت الزقوم |
| | | निस्संदेह ज़क़्क़ूम का वृक्ष |
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4458 | 44 | 44 | طعام الأثيم |
| | | गुनहगार का भोजन होगा, |
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