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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4436 | 44 | 22 | فدعا ربه أن هؤلاء قوم مجرمون |
| | | अन्ततः उसने अपने रब को पुकारा कि "ये अपराधी लोग है।" |
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4437 | 44 | 23 | فأسر بعبادي ليلا إنكم متبعون |
| | | "अच्छा तुम रातों रात मेरे बन्दों को लेकर चले जाओ। निश्चय ही तुम्हारा पीछा किया जाएगा |
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4438 | 44 | 24 | واترك البحر رهوا إنهم جند مغرقون |
| | | और सागर को स्थिर छोड़ दो। वे तो एक सेना दल हैं, डूब जानेवाले।" |
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4439 | 44 | 25 | كم تركوا من جنات وعيون |
| | | वे छोड़ गये कितनॆ ही बाग़ और स्रोत |
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4440 | 44 | 26 | وزروع ومقام كريم |
| | | और ख़ेतियां और उत्तम आवास- |
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4441 | 44 | 27 | ونعمة كانوا فيها فاكهين |
| | | और सुख सामग्री जिनमें वे मज़े कर रहे थे। |
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4442 | 44 | 28 | كذلك وأورثناها قوما آخرين |
| | | हम ऐसा ही मामला करते है, और उन चीज़ों का वारिस हमने दूसरे लोगों को बनाया |
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4443 | 44 | 29 | فما بكت عليهم السماء والأرض وما كانوا منظرين |
| | | फिर न तो आकाश और धरती ने उनपर विलाप किया और न उन्हें मुहलत ही मिली |
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4444 | 44 | 30 | ولقد نجينا بني إسرائيل من العذاب المهين |
| | | इस प्रकार हमने इसराईल की सन्तान को अपमानजनक यातना से |
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4445 | 44 | 31 | من فرعون إنه كان عاليا من المسرفين |
| | | अर्थात फ़िरऔन से छुटकारा दिया। निश्चय ही वह मर्यादाहीन लोगों में से बड़ा ही सरकश था |
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