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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4421 | 44 | 7 | رب السماوات والأرض وما بينهما إن كنتم موقنين |
| | | सारे आसमान व ज़मीन और जो कुछ इन दोनों के दरमियान है सबका मालिक |
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4422 | 44 | 8 | لا إله إلا هو يحيي ويميت ربكم ورب آبائكم الأولين |
| | | अगर तुममें यक़ीन करने की सलाहियत है (तो करो) उसके सिवा कोई माबूद नहीं - वही जिलाता है वही मारता है तुम्हारा मालिक और तुम्हारे (अगले) बाप दादाओं का भी मालिक है |
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4423 | 44 | 9 | بل هم في شك يلعبون |
| | | लेकिन ये लोग तो शक़ में पड़े खेल रहे हैं |
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4424 | 44 | 10 | فارتقب يوم تأتي السماء بدخان مبين |
| | | तो तुम उस दिन का इन्तेज़ार करो कि आसमान से ज़ाहिर ब ज़ाहिर धुऑं निकलेगा |
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4425 | 44 | 11 | يغشى الناس هذا عذاب أليم |
| | | (और) लोगों को ढाँक लेगा ये दर्दनाक अज़ाब है |
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4426 | 44 | 12 | ربنا اكشف عنا العذاب إنا مؤمنون |
| | | कुफ्फ़ार भी घबराकर कहेंगे कि परवरदिगार हमसे अज़ाब को दूर दफ़ा कर दे हम भी ईमान लाते हैं |
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4427 | 44 | 13 | أنى لهم الذكرى وقد جاءهم رسول مبين |
| | | (उस वक्त) भला क्या उनको नसीहत होगी जब उनके पास पैग़म्बर आ चुके जो साफ़ साफ़ बयान कर देते थे |
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4428 | 44 | 14 | ثم تولوا عنه وقالوا معلم مجنون |
| | | इस पर भी उन लोगों ने उससे मुँह फेरा और कहने लगे ये तो (सिखाया) पढ़ाया हुआ दीवाना है |
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4429 | 44 | 15 | إنا كاشفو العذاب قليلا إنكم عائدون |
| | | (अच्छा ख़ैर) हम थोड़े दिन के लिए अज़ाब को टाल देते हैं मगर हम जानते हैं तुम ज़रूर फिर कुफ्र करोगे |
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4430 | 44 | 16 | يوم نبطش البطشة الكبرى إنا منتقمون |
| | | हम बेशक (उनसे) पूरा बदला तो बस उस दिन लेगें जिस दिन सख्त पकड़ पकड़ेंगे |
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