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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4393 | 43 | 68 | يا عباد لا خوف عليكم اليوم ولا أنتم تحزنون |
| | | "ऐ मेरे बन्दों! आज न तुम्हें कोई भय है और न तुम शोकाकुल होगे।" - |
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4394 | 43 | 69 | الذين آمنوا بآياتنا وكانوا مسلمين |
| | | वह जो हमारी आयतों पर ईमान लाए और आज्ञाकारी रहे; |
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4395 | 43 | 70 | ادخلوا الجنة أنتم وأزواجكم تحبرون |
| | | "प्रवेश करो जन्नत में, तुम भी और तुम्हारे जोड़े भी, हर्षित होकर!" |
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4396 | 43 | 71 | يطاف عليهم بصحاف من ذهب وأكواب وفيها ما تشتهيه الأنفس وتلذ الأعين وأنتم فيها خالدون |
| | | उनके आगे सोने की तशतरियाँ और प्याले गर्दिश करेंगे और वहाँ वह सब कुछ होगा, जो दिलों को भाए और आँखे जिससे लज़्ज़त पाएँ। "और तुम उसमें सदैव रहोगे |
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4397 | 43 | 72 | وتلك الجنة التي أورثتموها بما كنتم تعملون |
| | | यह वह जन्नत है जिसके तुम वारिस उसके बदले में हुए जो कर्म तुम करते रहे। |
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4398 | 43 | 73 | لكم فيها فاكهة كثيرة منها تأكلون |
| | | तुम्हारे लिए वहाँ बहुत-से स्वादिष्ट फल है जिन्हें तुम खाओगे।" |
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4399 | 43 | 74 | إن المجرمين في عذاب جهنم خالدون |
| | | निस्संदेह अपराधी लोग सदैव जहन्नम की यातना में रहेंगे |
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4400 | 43 | 75 | لا يفتر عنهم وهم فيه مبلسون |
| | | वह (यातना) कभी उनपर से हल्की न होगी और वे उसी में निराश पड़े रहेंगे |
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4401 | 43 | 76 | وما ظلمناهم ولكن كانوا هم الظالمين |
| | | हमने उनपर कोई ज़ुल्म नहीं किया, परन्तु वे खुद ही ज़ालिम थे |
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4402 | 43 | 77 | ونادوا يا مالك ليقض علينا ربك قال إنكم ماكثون |
| | | वे पुकारेंगे, "ऐ मालिक! तुम्हारा रब हमारा काम ही तमाम कर दे!" वह कहेगा, "तुम्हें तो इसी दशा में रहना है।" |
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