بسم الله الرحمن الرحيم

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43604335وزخرفا وإن كل ذلك لما متاع الحياة الدنيا والآخرة عند ربك للمتقين
ये सब साज़ो सामान, तो बस दुनियावी ज़िन्दगी के (चन्द रोज़ा) साज़ो सामान हैं (जो मिट जाएँगे) और आख़ेरत (का सामान) तो तुम्हारे परवरदिगार के यहॉ ख़ास परहेज़गारों के लिए है
43614336ومن يعش عن ذكر الرحمن نقيض له شيطانا فهو له قرين
और जो शख़्श ख़ुदा की चाह से अन्धा बनता है हम (गोया ख़ुद) उसके वास्ते शैतान मुक़र्रर कर देते हैं तो वही उसका (हर दम का) साथी है
43624337وإنهم ليصدونهم عن السبيل ويحسبون أنهم مهتدون
और वह (शयातीन) उन लोगों को (ख़ुदा की) राह से रोकते रहते हैं बावजूद इसके वह उसी ख्याल में हैं कि वह यक़ीनी राहे रास्त पर हैं
43634338حتى إذا جاءنا قال يا ليت بيني وبينك بعد المشرقين فبئس القرين
यहाँ तक कि जब (क़यामत में) हमारे पास आएगा तो (अपने साथी शैतान से) कहेगा काश मुझमें और तुममें पूरब पश्चिम का फ़ासला होता ग़रज़ (शैतान भी) क्या ही बुरा रफीक़ है
43644339ولن ينفعكم اليوم إذ ظلمتم أنكم في العذاب مشتركون
और जब तुम नाफरमानियाँ कर चुके तो (शयातीन के साथ) तुम्हारा अज़ाब में शरीक होना भी आज तुमको (अज़ाब की कमी में) कोई फायदा नहीं पहुँचा सकता
43654340أفأنت تسمع الصم أو تهدي العمي ومن كان في ضلال مبين
तो (ऐ रसूल) क्या तुम बहरों को सुना सकते हो या अन्धे को और उस शख़्श को जो सरीही गुमराही में पड़ा हो रास्ता दिखा सकते हो (हरगिज़ नहीं)
43664341فإما نذهبن بك فإنا منهم منتقمون
तो अगर हम तुमको (दुनिया से) ले भी जाएँ तो भी हमको उनसे बदला लेना ज़रूरी है
43674342أو نرينك الذي وعدناهم فإنا عليهم مقتدرون
या (तुम्हारी ज़िन्दगी ही में) जिस अज़ाब का हमने उनसे वायदा किया है तुमको दिखा दें तो उन पर हर तरह क़ाबू रखते हैं
43684343فاستمسك بالذي أوحي إليك إنك على صراط مستقيم
तो तुम्हारे पास जो वही भेजी गयी है तुम उसे मज़बूत पकड़े रहो इसमें शक़ नहीं कि तुम सीधी राह पर हो
43694344وإنه لذكر لك ولقومك وسوف تسألون
और ये (क़ुरान) तुम्हारे लिए और तुम्हारी क़ौम के लिए नसीहत है और अनक़रीब ही तुम लोगों से इसकी बाज़पुर्स की जाएगी


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