بسم الله الرحمن الرحيم

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43364311والذي نزل من السماء ماء بقدر فأنشرنا به بلدة ميتا كذلك تخرجون
और जिसने एक (मुनासिब) अन्दाजे क़े साथ आसमान से पानी बरसाया फिर हम ही ने उसके (ज़रिए) से मुर्दा (परती) शहर को ज़िन्दा (आबाद) किया उसी तरह तुम भी (क़यामत के दिन क़ब्रों से) निकाले जाओगे
43374312والذي خلق الأزواج كلها وجعل لكم من الفلك والأنعام ما تركبون
और जिसने हर किस्म की चीज़े पैदा कीं और तुम्हारे लिए कश्तियां बनायीं और चारपाए (पैदा किए) जिन पर तुम सवार होते हो
43384313لتستووا على ظهوره ثم تذكروا نعمة ربكم إذا استويتم عليه وتقولوا سبحان الذي سخر لنا هذا وما كنا له مقرنين
ताकि तुम उसकी पीठ पर चढ़ो और जब उस पर (अच्छी तरह) सीधे हो बैठो तो अपने परवरदिगार का एहसान माना करो और कहो कि वह (ख़ुदा हर ऐब से) पाक है जिसने इसको हमारा ताबेदार बनाया हालॉकि हम तो ऐसे (ताक़तवर) न थे कि उस पर क़ाबू पाते
43394314وإنا إلى ربنا لمنقلبون
और हमको तो यक़ीनन अपने परवरदिगार की तरफ लौट कर जाना है
43404315وجعلوا له من عباده جزءا إن الإنسان لكفور مبين
और उन लोगों ने उसके बन्दों में से उसके लिए औलाद क़रार दी है इसमें शक़ नहीं कि इन्सान खुल्लम खुल्ला बड़ा ही नाशक्रा है
43414316أم اتخذ مما يخلق بنات وأصفاكم بالبنين
क्या उसने अपनी मख़लूक़ात में से ख़ुद तो बेटियाँ ली हैं और तुमको चुनकर बेटे दिए हैं
43424317وإذا بشر أحدهم بما ضرب للرحمن مثلا ظل وجهه مسودا وهو كظيم
हालॉकि जब उनमें किसी शख़्श को उस चीज़ (बेटी) की ख़ुशख़बरी दी जाती है जिसकी मिसल उसने ख़ुदा के लिए बयान की है तो वह (ग़ुस्से के मारे) सियाह हो जाता है और ताव पेंच खाने लगता है
43434318أومن ينشأ في الحلية وهو في الخصام غير مبين
क्या वह (औरत) जो ज़ेवरों में पाली पोसी जाए और झगड़े में (अच्छी तरह) बात तक न कर सकें (ख़ुदा की बेटी हो सकती है)
43444319وجعلوا الملائكة الذين هم عباد الرحمن إناثا أشهدوا خلقهم ستكتب شهادتهم ويسألون
और उन लोगों ने फ़रिश्तों को कि वह भी ख़ुदा के बन्दे हैं (ख़ुदा की) बेटियाँ बनायी हैं लोग फरिश्तों की पैदाइश क्यों खड़े देख रहे थे अभी उनकी शहादत क़लम बन्द कर ली जाती है
43454320وقالوا لو شاء الرحمن ما عبدناهم ما لهم بذلك من علم إن هم إلا يخرصون
और (क़यामत) में उनसे बाज़पुर्स की जाएगी और कहते हैं कि अगर ख़ुदा चाहता तो हम उनकी परसतिश न करते उनको उसकी कुछ ख़बर ही नहीं ये लोग तो बस अटकल पच्चू बातें किया करते हैं


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