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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4319 | 42 | 47 | استجيبوا لربكم من قبل أن يأتي يوم لا مرد له من الله ما لكم من ملجإ يومئذ وما لكم من نكير |
| | | अपने रब की बात मान लो इससे पहले कि अल्लाह की ओर से वह दिन आ जाए जो पलटने का नहीं। उस दिन तुम्हारे लिए न कोई शरण-स्थल होगा और न तुम किसी चीज़ को रद्द कर सकोगे |
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4320 | 42 | 48 | فإن أعرضوا فما أرسلناك عليهم حفيظا إن عليك إلا البلاغ وإنا إذا أذقنا الإنسان منا رحمة فرح بها وإن تصبهم سيئة بما قدمت أيديهم فإن الإنسان كفور |
| | | अब यदि वे ध्यान में न लाएँ तो हमने तो तुम्हें उनपर कोई रक्षक बनाकर तो भेजा नहीं है। तुमपर तो केवल (संदेश) पहुँचा देने की ज़िम्मेदारी है। हाल यह है कि जब हम मनुष्य को अपनी ओर से किसी दयालुता का आस्वादन कराते है तो वह उसपर इतराने लगता है, किन्तु ऐसे लोगों के हाथों ने जो कुछ आगे भेजा है उसके कारण यदि उन्हें कोई तकलीफ़ पहुँचती है तो निश्चय ही वही मनुष्य बड़ा कृतघ्न बन जाता है |
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4321 | 42 | 49 | لله ملك السماوات والأرض يخلق ما يشاء يهب لمن يشاء إناثا ويهب لمن يشاء الذكور |
| | | अल्लाह ही की है आकाशों और धरती की बादशाही। वह जो चाहता है पैदा करता है, जिसे चाहता है लड़कियाँ देता है और जिसे चाहता है लड़के देता है। |
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4322 | 42 | 50 | أو يزوجهم ذكرانا وإناثا ويجعل من يشاء عقيما إنه عليم قدير |
| | | या उन्हें लड़के और लड़कियाँ मिला-जुलाकर देता है और जिसे चाहता है निस्संतान रखता है। निश्चय ही वह सर्वज्ञ, सामर्थ्यवान है |
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4323 | 42 | 51 | وما كان لبشر أن يكلمه الله إلا وحيا أو من وراء حجاب أو يرسل رسولا فيوحي بإذنه ما يشاء إنه علي حكيم |
| | | किसी मनुष्य की यह शान नहीं कि अल्लाह उससे बात करे, सिवाय इसके कि प्रकाशना के द्वारा या परदे के पीछे से (बात करे) । या यह कि वह एक रसूल (फ़रिश्ता) भेज दे, फिर वह उसकी अनुज्ञा से जो कुछ वह चाहता है प्रकाशना कर दे। निश्चय ही वह सर्वोच्च अत्यन्त तत्वदर्शी है |
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4324 | 42 | 52 | وكذلك أوحينا إليك روحا من أمرنا ما كنت تدري ما الكتاب ولا الإيمان ولكن جعلناه نورا نهدي به من نشاء من عبادنا وإنك لتهدي إلى صراط مستقيم |
| | | और इसी प्रकार हमने अपने आदेश से एक रूह (क़ुरआन) की प्रकाशना तुम्हारी ओर की है। तुम नहीं जानते थे कि किताब क्या होती है और न ईमान को (जानते थे), किन्तु हमने इस (प्रकाशना) को एक प्रकाश बनाया, जिसके द्वारा हम अपने बन्दों में से जिसे चाहते है मार्ग दिखाते है। निश्चय ही तुम एक सीधे मार्ग की ओर पथप्रदर्शन कर रहे हो- |
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4325 | 42 | 53 | صراط الله الذي له ما في السماوات وما في الأرض ألا إلى الله تصير الأمور |
| | | उस अल्लाह के मार्ग की ओर जिसका वह सब कुछ है, जो आकाशों में है और जो धरती में है। सुन लो, सारे मामले अन्ततः अल्लाह ही की ओर पलटते हैं |
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4326 | 43 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم حم |
| | | हा॰ मीम॰ |
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4327 | 43 | 2 | والكتاب المبين |
| | | गवाह है स्पष्ट किताब |
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4328 | 43 | 3 | إنا جعلناه قرآنا عربيا لعلكم تعقلون |
| | | हमने उसे अरबी क़ुरआन बनाया, ताकि तुम समझो |
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