بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
43114239والذين إذا أصابهم البغي هم ينتصرون
और जो ऐसे है कि जब उनपर ज़्यादती होती है तो वे प्रतिशोध करते है
43124240وجزاء سيئة سيئة مثلها فمن عفا وأصلح فأجره على الله إنه لا يحب الظالمين
बुराई का बदला वैसी ही बुराई है किन्तु जो क्षमा कर दे और सुधार करे तो उसका बदला अल्लाह के ज़िम्मे है। निश्चय ही वह ज़ालिमों को पसन्द नहीं करता
43134241ولمن انتصر بعد ظلمه فأولئك ما عليهم من سبيل
और जो कोई अपने ऊपर ज़ु्ल्म होने के पश्चात बदला ले ले, तो ऐसे लोगों पर कोई इलज़ाम नहीं
43144242إنما السبيل على الذين يظلمون الناس ويبغون في الأرض بغير الحق أولئك لهم عذاب أليم
इलज़ाम तो केवल उनपर आता है जो लोगों पर ज़ुल्म करते है और धरती में नाहक़ ज़्यादती करते है। ऐसे लोगों के लिए दुखद यातना है
43154243ولمن صبر وغفر إن ذلك لمن عزم الأمور
किन्तु जिसने धैर्य से काम लिया और क्षमा कर दिया तो निश्चय ही वह उन कामों में से है जो (सफलता के लिए) आवश्यक ठहरा दिए गए है
43164244ومن يضلل الله فما له من ولي من بعده وترى الظالمين لما رأوا العذاب يقولون هل إلى مرد من سبيل
जिस व्यक्ति को अल्लाह गुमराही में डाल दे, तो उसके पश्चात उसे सम्भालनेवाला कोई भी नहीं। तुम ज़ालिमों को देखोगे कि जब वे यातना को देख लेंगे तो कह रहे होंगे, "क्या लौटने का भी कोई मार्ग है?"
43174245وتراهم يعرضون عليها خاشعين من الذل ينظرون من طرف خفي وقال الذين آمنوا إن الخاسرين الذين خسروا أنفسهم وأهليهم يوم القيامة ألا إن الظالمين في عذاب مقيم
और तुम उन्हें देखोगे कि वे उस (जहन्नम) पर इस दशा में लाए जा रहे है कि बेबसी और अपमान के कारण दबे हुए है। कनखियों से देख रहे है। जो लोग ईमान लाए, वे उस समय कहेंगे कि "निश्चय ही घाटे में पड़नेवाले वही है जिन्होंने क़ियामत के दिन अपने आपको और अपने लोगों को घाटे में डाल दिया। सावधान! निश्चय ही ज़ालिम स्थिर रहनेवाली यातना में होंगे
43184246وما كان لهم من أولياء ينصرونهم من دون الله ومن يضلل الله فما له من سبيل
और उनके कुछ संरक्षक भी न होंगे, जो सहायता करके उन्हें अल्लाह से बचा सकें। जिसे अल्लाह गुमराही में डाल दे तो उसके लिए फिर कोई मार्ग नहीं।"
43194247استجيبوا لربكم من قبل أن يأتي يوم لا مرد له من الله ما لكم من ملجإ يومئذ وما لكم من نكير
अपने रब की बात मान लो इससे पहले कि अल्लाह की ओर से वह दिन आ जाए जो पलटने का नहीं। उस दिन तुम्हारे लिए न कोई शरण-स्थल होगा और न तुम किसी चीज़ को रद्द कर सकोगे
43204248فإن أعرضوا فما أرسلناك عليهم حفيظا إن عليك إلا البلاغ وإنا إذا أذقنا الإنسان منا رحمة فرح بها وإن تصبهم سيئة بما قدمت أيديهم فإن الإنسان كفور
अब यदि वे ध्यान में न लाएँ तो हमने तो तुम्हें उनपर कोई रक्षक बनाकर तो भेजा नहीं है। तुमपर तो केवल (संदेश) पहुँचा देने की ज़िम्मेदारी है। हाल यह है कि जब हम मनुष्य को अपनी ओर से किसी दयालुता का आस्वादन कराते है तो वह उसपर इतराने लगता है, किन्तु ऐसे लोगों के हाथों ने जो कुछ आगे भेजा है उसके कारण यदि उन्हें कोई तकलीफ़ पहुँचती है तो निश्चय ही वही मनुष्य बड़ा कृतघ्न बन जाता है


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