نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4304 | 42 | 32 | ومن آياته الجوار في البحر كالأعلام |
| | | और उसी की (क़ुदरत) की निशानियों में से समन्दर में (चलने वाले) (बादबानी जहाज़) है जो गोया पहाड़ हैं |
|
4305 | 42 | 33 | إن يشأ يسكن الريح فيظللن رواكد على ظهره إن في ذلك لآيات لكل صبار شكور |
| | | अगर ख़ुदा चाहे तो हवा को ठहरा दे तो जहाज़ भी समन्दर की सतह पर (खड़े के खड़े) रह जाएँ बेशक तमाम सब्र और शुक्र करने वालों के वास्ते इन बातों में (ख़ुदा की क़ुदरत की) बहुत सी निशानियाँ हैं |
|
4306 | 42 | 34 | أو يوبقهن بما كسبوا ويعف عن كثير |
| | | (या वह चाहे तो) उनको उनके आमाल (बद) के सबब तबाह कर दे |
|
4307 | 42 | 35 | ويعلم الذين يجادلون في آياتنا ما لهم من محيص |
| | | और वह बहुत कुछ माफ़ करता है और जो लोग हमारी निशानियों में (ख्वाहमाख्वाह) झगड़ा करते हैं वह अच्छी तरह समझ लें कि उनको किसी तरह (अज़ाब से) छुटकारा नहीं |
|
4308 | 42 | 36 | فما أوتيتم من شيء فمتاع الحياة الدنيا وما عند الله خير وأبقى للذين آمنوا وعلى ربهم يتوكلون |
| | | (लोगों) तुमको जो कुछ (माल) दिया गया है वह दुनिया की ज़िन्दगी का (चन्द रोज़) साज़ोसामान है और जो कुछ ख़ुदा के यहाँ है वह कहीं बेहतर और पायदार है (मगर ये) ख़ास उन ही लोगों के लिए है जो ईमान लाए और अपने परवरदिगार पर भरोसा रखते हैं |
|
4309 | 42 | 37 | والذين يجتنبون كبائر الإثم والفواحش وإذا ما غضبوا هم يغفرون |
| | | और जो लोग बड़े बड़े गुनाहों और बेहयाई की बातों से बचे रहते हैं और ग़ुस्सा आ जाता है तो माफ कर देते हैं |
|
4310 | 42 | 38 | والذين استجابوا لربهم وأقاموا الصلاة وأمرهم شورى بينهم ومما رزقناهم ينفقون |
| | | और जो अपने परवरदिगार का हुक्म मानते हैं और नमाज़ पढ़ते हैं और उनके कुल काम आपस के मशवरे से होते हैं और जो कुछ हमने उन्हें अता किया है उसमें से (राहे ख़ुदा में) ख़र्च करते हैं |
|
4311 | 42 | 39 | والذين إذا أصابهم البغي هم ينتصرون |
| | | और (वह ऐसे हैं) कि जब उन पर किसी किस्म की ज्यादती की जाती है तो बस वाजिबी बदला ले लेते हैं |
|
4312 | 42 | 40 | وجزاء سيئة سيئة مثلها فمن عفا وأصلح فأجره على الله إنه لا يحب الظالمين |
| | | और बुराई का बदला तो वैसी ही बुराई है उस पर भी जो शख्स माफ कर दे और (मामले की) इसलाह कर दें तो इसका सवाब ख़ुदा के ज़िम्मे है बेशक वह ज़ुल्म करने वालों को पसन्द नहीं करता |
|
4313 | 42 | 41 | ولمن انتصر بعد ظلمه فأولئك ما عليهم من سبيل |
| | | और जिस पर ज़ुल्म हुआ हो अगर वह उसके बाद इन्तेक़ाम ले तो ऐसे लोगों पर कोई इल्ज़ाम नहीं |
|