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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4301 | 42 | 29 | ومن آياته خلق السماوات والأرض وما بث فيهما من دابة وهو على جمعهم إذا يشاء قدير |
| | | और उसकी निशानियों में से है आकाशों और धरती को पैदा करना, और वे जीवधारी भी जो उसने इन दोनों में फैला रखे है। वह जब चाहे उन्हें इकट्ठा करने की सामर्थ्य भी रखता है |
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4302 | 42 | 30 | وما أصابكم من مصيبة فبما كسبت أيديكم ويعفو عن كثير |
| | | जो मुसीबत तुम्हें पहुँची वह तो तुम्हारे अपने हाथों की कमाई से पहुँची और बहुत कुछ तो वह माफ़ कर देता है |
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4303 | 42 | 31 | وما أنتم بمعجزين في الأرض وما لكم من دون الله من ولي ولا نصير |
| | | तुम धरती में काबू से निकल जानेवाले नहीं हो, और न अल्लाह से हटकर तुम्हारा कोई संरक्षक मित्र है और न सहायक ही |
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4304 | 42 | 32 | ومن آياته الجوار في البحر كالأعلام |
| | | उसकी निशानियों में से समुद्र में पहाड़ो के सदृश चलते जहाज़ भी है |
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4305 | 42 | 33 | إن يشأ يسكن الريح فيظللن رواكد على ظهره إن في ذلك لآيات لكل صبار شكور |
| | | यदि वह चाहे तो वायु को ठहरा दे, तो वे समुद्र की पीठ पर ठहरे रह जाएँ - निश्चय ही इसमें कितनी ही निशानियाँ है हर उस व्यक्ति के लिए जो अत्यन्त धैर्यवान, कृतज्ञ हो |
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4306 | 42 | 34 | أو يوبقهن بما كسبوا ويعف عن كثير |
| | | या उनको उनकी कमाई के कारण विनष्ट कर दे और बहुतो को माफ़ भी कर दे |
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4307 | 42 | 35 | ويعلم الذين يجادلون في آياتنا ما لهم من محيص |
| | | और परिणामतः वे लोग जान लें जो हमारी आयतों में झगड़ते है कि उनके लिए भागने की कोई जगह नहीं |
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4308 | 42 | 36 | فما أوتيتم من شيء فمتاع الحياة الدنيا وما عند الله خير وأبقى للذين آمنوا وعلى ربهم يتوكلون |
| | | तुम्हें जो चीज़ भी मिली है वह तो सांसारिक जीवन की अस्थायी सुख-सामग्री है। किन्तु जो कुछ अल्लाह के पास है वह उत्तम है और शेष रहनेवाला भी, वह उन्ही के लिए है जो ईमान लाए और अपने रब पर भरोसा रखते है; |
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4309 | 42 | 37 | والذين يجتنبون كبائر الإثم والفواحش وإذا ما غضبوا هم يغفرون |
| | | जो बड़े-बड़े गुनाहों और अश्लील कर्मों से बचते है और जब उन्हे (किसी पर) क्रोध आता है तो वे क्षमा कर देते हैं; |
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4310 | 42 | 38 | والذين استجابوا لربهم وأقاموا الصلاة وأمرهم شورى بينهم ومما رزقناهم ينفقون |
| | | और जिन्होंने अपने रब का हुक्म माना और नमाज़ क़ायम की, और उनका मामला उनके पारस्परिक परामर्श से चलता है, और जो कुछ हमने उन्हें दिया है उसमें से ख़र्च करते है; |
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