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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4295 | 42 | 23 | ذلك الذي يبشر الله عباده الذين آمنوا وعملوا الصالحات قل لا أسألكم عليه أجرا إلا المودة في القربى ومن يقترف حسنة نزد له فيها حسنا إن الله غفور شكور |
| | | उसी की शुभ सूचना अल्लाह अपने बन्दों को देता है जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए। कहो, "मैं इसका तुमसे कोई पारिश्रमिक नहीं माँगता, बस निकटता का प्रेम-भाव चाहता हूँ, जो कोई नेकी कमाएगा हम उसके लिए उसमें अच्छाई की अभिवृद्धि करेंगे। निश्चय ही अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, गुणग्राहक है।" |
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4296 | 42 | 24 | أم يقولون افترى على الله كذبا فإن يشإ الله يختم على قلبك ويمح الله الباطل ويحق الحق بكلماته إنه عليم بذات الصدور |
| | | (क्या वे ईमान नहीं लाएँगे) या उनका कहना है कि "इस व्यक्ति ने अल्लाह पर मिथ्यारोपण किया है?" यदि अल्लाह चाहे तो तुम्हारे दिल पर मुहर लगा दे (जिस प्रकार उसने इनकार करनेवालों के दिल पर मुहर लगा दी है) । अल्लाह तो असत्य को मिटा रहा है और सत्य को अपने बोलों से सिद्ध कर रहा है। निश्चय ही वह सीनों तक की बात को भी भली-भाँति जानता है |
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4297 | 42 | 25 | وهو الذي يقبل التوبة عن عباده ويعفو عن السيئات ويعلم ما تفعلون |
| | | वही है जो अपने बन्दों की तौबा क़बूल करता है और बुराइयों को माफ़ करता है, हालाँकि वह जानता है, जो कुछ तुम करते हो |
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4298 | 42 | 26 | ويستجيب الذين آمنوا وعملوا الصالحات ويزيدهم من فضله والكافرون لهم عذاب شديد |
| | | और वह उन लोगों की प्रार्थनाएँ स्वीकार करता है जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए। और अपने उदार अनुग्रह से उन्हें और अधिक प्रदान करता है। रहे इनकार करनेवाले, तो उनके लिए कड़ा यातना है |
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4299 | 42 | 27 | ولو بسط الله الرزق لعباده لبغوا في الأرض ولكن ينزل بقدر ما يشاء إنه بعباده خبير بصير |
| | | यदि अल्लाह अपने बन्दों के लिए रोज़ी कुशादा कर देता तो वे धरती में सरकशी करने लगते। किन्तु वह एक अंदाज़े के साथ जो चाहता है, उतारता है। निस्संदेह वह अपने बन्दों की ख़बर रखनेवाला है। वह उनपर निगाह रखता है |
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4300 | 42 | 28 | وهو الذي ينزل الغيث من بعد ما قنطوا وينشر رحمته وهو الولي الحميد |
| | | वही है जो इसके पश्चात कि लोग निराश हो चुके होते है, मेंह बरसाता है और अपनी दयालुता को फैला देता है। और वही है संरक्षक मित्र, प्रशंसनीय! |
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4301 | 42 | 29 | ومن آياته خلق السماوات والأرض وما بث فيهما من دابة وهو على جمعهم إذا يشاء قدير |
| | | और उसकी निशानियों में से है आकाशों और धरती को पैदा करना, और वे जीवधारी भी जो उसने इन दोनों में फैला रखे है। वह जब चाहे उन्हें इकट्ठा करने की सामर्थ्य भी रखता है |
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4302 | 42 | 30 | وما أصابكم من مصيبة فبما كسبت أيديكم ويعفو عن كثير |
| | | जो मुसीबत तुम्हें पहुँची वह तो तुम्हारे अपने हाथों की कमाई से पहुँची और बहुत कुछ तो वह माफ़ कर देता है |
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4303 | 42 | 31 | وما أنتم بمعجزين في الأرض وما لكم من دون الله من ولي ولا نصير |
| | | तुम धरती में काबू से निकल जानेवाले नहीं हो, और न अल्लाह से हटकर तुम्हारा कोई संरक्षक मित्र है और न सहायक ही |
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4304 | 42 | 32 | ومن آياته الجوار في البحر كالأعلام |
| | | उसकी निशानियों में से समुद्र में पहाड़ो के सदृश चलते जहाज़ भी है |
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