بسم الله الرحمن الرحيم

نتائج البحث: 6236
ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
42884216والذين يحاجون في الله من بعد ما استجيب له حجتهم داحضة عند ربهم وعليهم غضب ولهم عذاب شديد
जो लोग अल्लाह के विषय में झगड़ते है, इसके पश्चात कि उसकी पुकार स्वीकार कर ली गई, उनका झगड़ना उनके रब की स्पष्ट में बिलकुल न ठहरनेवाला (असत्य) है। प्रकोप है उनपर और उनके लिए कड़ी यातना है
42894217الله الذي أنزل الكتاب بالحق والميزان وما يدريك لعل الساعة قريب
वह अल्लाह ही है जिसने हक़ के साथ किताब और तुला अवतरित की। और तुम्हें क्या मालूम कदाचित क़ियामत की घड़ी निकट ही आ लगी हो
42904218يستعجل بها الذين لا يؤمنون بها والذين آمنوا مشفقون منها ويعلمون أنها الحق ألا إن الذين يمارون في الساعة لفي ضلال بعيد
उसकी जल्दी वे लोग मचाते है जो उसपर ईमान नहीं रखते, किन्तु जो ईमान रखते है वे तो उससे डरते है और जानते है कि वह सत्य है। जान लो, जो लोग उस घड़ी के बारे में सन्देह डालनेवाली बहसें करते है, वे परले दरजे की गुमराही में पड़े हुए है
42914219الله لطيف بعباده يرزق من يشاء وهو القوي العزيز
अल्लाह अपने बन्दों पर अत्यन्त दयालु है। वह जिसे चाहता है रोज़ी देता है। वह शक्तिमान, अत्यन्त प्रभुत्वशाली है
42924220من كان يريد حرث الآخرة نزد له في حرثه ومن كان يريد حرث الدنيا نؤته منها وما له في الآخرة من نصيب
जो कोई आख़िरत की खेती चाहता है, हम उसके लिए उसकी खेती में बढ़ोत्तरी प्रदान करेंगे और जो कोई दुनिया की खेती चाहता है, हम उसमें से उसे कुछ दे देते है, किन्तु आख़िरत में उसका कोई हिस्सा नहीं
42934221أم لهم شركاء شرعوا لهم من الدين ما لم يأذن به الله ولولا كلمة الفصل لقضي بينهم وإن الظالمين لهم عذاب أليم
(क्या उन्हें समझ नहीं) या उनके कुछ ऐसे (ठहराए हुए) साझीदार है, जिन्होंन उनके लिए कोई ऐसा धर्म निर्धारित कर दिया है जिसकी अनुज्ञा अल्लाह ने नहीं दी? यदि फ़ैसले की बात निश्चित न हो गई होती तो उनके बीच फ़ैसला हो चुका होता। निश्चय ही ज़ालिमों के लिए दुखद यातना है
42944222ترى الظالمين مشفقين مما كسبوا وهو واقع بهم والذين آمنوا وعملوا الصالحات في روضات الجنات لهم ما يشاءون عند ربهم ذلك هو الفضل الكبير
तुम ज़ालिमों को देखोगे कि उन्होंने जो कुछ कमाया उससे डर रहे होंगे, किन्तु वह तो उनपर पड़कर रहेगा। किन्तु जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, वे जन्न्तों की वाटिकाओं में होंगे। उनके लिए उनके रब के पास वह सब कुछ है जिसकी वे इच्छा करेंगे। वही तो बड़ा उदार अनुग्रह है
42954223ذلك الذي يبشر الله عباده الذين آمنوا وعملوا الصالحات قل لا أسألكم عليه أجرا إلا المودة في القربى ومن يقترف حسنة نزد له فيها حسنا إن الله غفور شكور
उसी की शुभ सूचना अल्लाह अपने बन्दों को देता है जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए। कहो, "मैं इसका तुमसे कोई पारिश्रमिक नहीं माँगता, बस निकटता का प्रेम-भाव चाहता हूँ, जो कोई नेकी कमाएगा हम उसके लिए उसमें अच्छाई की अभिवृद्धि करेंगे। निश्चय ही अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, गुणग्राहक है।"
42964224أم يقولون افترى على الله كذبا فإن يشإ الله يختم على قلبك ويمح الله الباطل ويحق الحق بكلماته إنه عليم بذات الصدور
(क्या वे ईमान नहीं लाएँगे) या उनका कहना है कि "इस व्यक्ति ने अल्लाह पर मिथ्यारोपण किया है?" यदि अल्लाह चाहे तो तुम्हारे दिल पर मुहर लगा दे (जिस प्रकार उसने इनकार करनेवालों के दिल पर मुहर लगा दी है) । अल्लाह तो असत्य को मिटा रहा है और सत्य को अपने बोलों से सिद्ध कर रहा है। निश्चय ही वह सीनों तक की बात को भी भली-भाँति जानता है
42974225وهو الذي يقبل التوبة عن عباده ويعفو عن السيئات ويعلم ما تفعلون
वही है जो अपने बन्दों की तौबा क़बूल करता है और बुराइयों को माफ़ करता है, हालाँकि वह जानता है, जो कुछ तुम करते हो


0 ... 418.7 419.7 420.7 421.7 422.7 423.7 424.7 425.7 426.7 427.7 429.7 430.7 431.7 432.7 433.7 434.7 435.7 436.7 437.7 ... 623

إنتاج هذه المادة أخد: 0.03 ثانية


المغرب.كووم © ٢٠٠٩ - ١٤٣٠ © الحـمـد لله الـذي سـخـر لـنا هـذا :: وقف لله تعالى وصدقة جارية

22634513549658234406178503818761291272