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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4278 | 42 | 6 | والذين اتخذوا من دونه أولياء الله حفيظ عليهم وما أنت عليهم بوكيل |
| | | और जिन लोगों ने उससे हटकर अपने कुछ दूसरे संरक्षक बना रखे हैं, अल्लाह उनपर निगरानी रखे हुए है। तुम उनके कोई ज़िम्मेदार नहीं हो |
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4279 | 42 | 7 | وكذلك أوحينا إليك قرآنا عربيا لتنذر أم القرى ومن حولها وتنذر يوم الجمع لا ريب فيه فريق في الجنة وفريق في السعير |
| | | और (जैसे हम स्पष्ट आयतें उतारते है) उसी प्रकार हमने तुम्हारी ओर एक अरबी क़ुरआन की प्रकाशना की है, ताकि तुम बस्तियों के केन्द्र (मक्का) को और जो लोग उसके चतुर्दिक है उनको सचेत कर दो और सचेत करो इकट्ठा होने के दिन से, जिसमें कोई सन्देह नहीं। एक गिरोह जन्नत में होगा और एक गिरोह भड़कती आग में |
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4280 | 42 | 8 | ولو شاء الله لجعلهم أمة واحدة ولكن يدخل من يشاء في رحمته والظالمون ما لهم من ولي ولا نصير |
| | | यदि अल्लाह चाहता तो उन्हें एक ही समुदाय बना देता, किन्तु वह जिसे चाहता है अपनी दयालुता में दाख़िल करता है। रहे ज़ालिम, तो उनका न तो कोई निकटवर्ती मित्र है और न कोई (दूर का) सहायक |
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4281 | 42 | 9 | أم اتخذوا من دونه أولياء فالله هو الولي وهو يحيي الموتى وهو على كل شيء قدير |
| | | (क्या उन्होंने अल्लाह से हटकर दूसरे सहायक बना लिए है,) या उन्होंने उससे हटकर दूसरे संरक्षक बना रखे है? संरक्षक तो अल्लाह ही है। वही मुर्दों को जीवित करता है और उसे हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है |
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4282 | 42 | 10 | وما اختلفتم فيه من شيء فحكمه إلى الله ذلكم الله ربي عليه توكلت وإليه أنيب |
| | | (रसूल ने कहा,) "जिस चीज़ में तुमने विभेद किया है उसका फ़ैसला तो अल्लाह के हवाले है। वही अल्लाह मेरा रब है। उसी पर मैंने भरोसा किया है, और उसी की ओर में रुजू करता हूँ |
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4283 | 42 | 11 | فاطر السماوات والأرض جعل لكم من أنفسكم أزواجا ومن الأنعام أزواجا يذرؤكم فيه ليس كمثله شيء وهو السميع البصير |
| | | वह आकाशों और धरती का पैदा करनेवाला है। उसने तुम्हारे लिए तुम्हारी अपनी सहजाति से जोड़े बनाए और चौपायों के जोड़े भी। फैला रहा है वह तुमको अपने में। उसके सदृश कोई चीज़ नहीं। वही सबकुछ सुनता, देखता है |
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4284 | 42 | 12 | له مقاليد السماوات والأرض يبسط الرزق لمن يشاء ويقدر إنه بكل شيء عليم |
| | | आकाशों और धरती की कुंजियाँ उसी के पास हैं। वह जिसके लिए चाहता है रोज़ी कुशादा कर देता है और जिसके लिए चाहता है नपी-तुली कर देता है। निस्संदेह उसे हर चीज़ का ज्ञान है |
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4285 | 42 | 13 | شرع لكم من الدين ما وصى به نوحا والذي أوحينا إليك وما وصينا به إبراهيم وموسى وعيسى أن أقيموا الدين ولا تتفرقوا فيه كبر على المشركين ما تدعوهم إليه الله يجتبي إليه من يشاء ويهدي إليه من ينيب |
| | | उसने तुम्हारे लिए वही धर्म निर्धारित किया जिसकी ताकीद उसने नूह को की थी।" और वह (जीवन्त आदेश) जिसकी प्रकाशना हमने तुम्हारी ओर की है और वह जिसकी ताकीद हमने इबराहीम और मूसा और ईसा को की थी यह है कि "धर्म को क़ायम करो और उसके विषय में अलग-अलग न हो जाओ।" बहुदेववादियों को वह चीज़ बहुत अप्रिय है, जिसकी ओर तुम उन्हें बुलाते हो। अल्लाह जिसे चाहता है अपनी ओर छाँट लेता है और अपनी ओर का मार्ग उसी को दिखाता है जो उसकी ओर रुजू करता है |
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4286 | 42 | 14 | وما تفرقوا إلا من بعد ما جاءهم العلم بغيا بينهم ولولا كلمة سبقت من ربك إلى أجل مسمى لقضي بينهم وإن الذين أورثوا الكتاب من بعدهم لفي شك منه مريب |
| | | उन्होंने तो परस्पर एक-दूसरे पर ज़्यादती करने के उद्देश्य से इसके पश्चात विभेद किया कि उनके पास ज्ञान आ चुका था। और यदि तुम्हारे रब की ओर से एक नियत अवधि तक के लिए बात पहले निश्चित न हो चुकी होती तो उनके बीच फ़ैसला चुका दिया गया होता। किन्तु जो लोग उनके पश्चात किताब के वारिस हुए वे उसकी ओर से एक उलझन में डाल देनेवाले संदेह में पड़े हुए है |
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4287 | 42 | 15 | فلذلك فادع واستقم كما أمرت ولا تتبع أهواءهم وقل آمنت بما أنزل الله من كتاب وأمرت لأعدل بينكم الله ربنا وربكم لنا أعمالنا ولكم أعمالكم لا حجة بيننا وبينكم الله يجمع بيننا وإليه المصير |
| | | अतः इसी लिए (उन्हें सत्य की ओर) बुलाओ, और जैसा कि तुम्हें हुक्म दिया गया है स्वयं क़ायम रहो, और उनकी इच्छाओं का पालन न करना और कह दो, "अल्लाह ने जो किताब अवतरित की है, मैं उसपर ईमान लाया। मुझे तो आदेश हुआ है कि मैं तुम्हारे बीच न्याय करूँ। अल्लाह ही हमारा भी रब है और तुम्हारा भी। हमारे लिए हमारे कर्म है और तुम्हारे लिए तुम्हारे कर्म। हममें और तुममें कोई झगड़ा नहीं। अल्लाह हम सबको इकट्ठा करेगा और अन्ततः उसी की ओर जाना है।" |
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